Madhya Pradesh Weather: मौसम विभाग ने बारिश को लेकर और तेज हवा के लिए जानकारी साझा किया है, जो की हिंद महासागर और अरब सागर से भारत के दक्षिण पश्चिम तट मे आने वाली हवा की वजह से भारत और बंगलादेश में बारिश होती है, जो पावस या फिर मानसून के नाम से जाना जाता है,जो की यह समुद्र में पूर्वानुमान से अधिक स्पीड में चल रही है,जिस वजह से निर्धारित समय से 72 घंटे पहले ही इसके पहुंचने की संभावना है।
भारत के मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है की लेटेस्ट सेटेलाइट इमेज के अनुसार बताया जा रहा है,की अंडमान सागर पर मानसून अपने निर्धारित समय से 72 घटे पहले ही पहुंच गया है,जिसके 19 मई रविवार को मानसून के बदल दक्षिण पूर्व बंगाल की खड़ी में दिखाई नजर आया है,जिसमे भारत के मौसम विज्ञान के वैज्ञानिकों का मानना है की इन स्थान पर 22 मई को मानसून पहुच सकता है, जो की यदि मानसून के बादल इसी रफ्तार से समुद्र की ओर भारत की तरफ बढ़ता गया तो भारत की जमीन केरल में पहु्च सकता है।
मानसून कब तक में करेगा मध्य प्रदेश में प्रवेश
बताया जाता है,की केरल में मानसून के पहुंचने के 15 दिन के बाद मध्य प्रदेश के आसमान में भी मानसून के बादल प्रवेश कर जाते है,यह स्थित सामान्य परिथितियो में ऐसा देखा जाता है,अगर हवा की रफ्तार ज्यादा है तो यह एक दो दिन पहले या फिर तीन दिन पहले भी मध्य में में पहुंच सकता है,इस बार हवा की रफ्तार ज्यादा बताई जा रही है,जिसके कारण यह मानसून केरल में पहले पहुंच सकता है,और अगर भारत में भी बदलो की रफ्तार अगर यही रही तो मध्य प्रदेश में 100 घंटे पहले पहुंच सकता है,जो 12 जून तक प्रवेश कर सकता है।