केंद्रीय वित्त मंत्रालय छत्तीसगढ़ स्थित एनएमडीसी स्टील के लिए अगले दो महीनों में वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकता है। दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर इसकी जानकारी दी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार का मानना है कि नई विनिवेश योजना के तहत एनएमडीसी स्टील उपयुक्त कंपनी है। संयंत्र नया है और यह शेयरधारकों के लिए ज्यादा मूल्य तैयार कर सकता है। हम अगले दो महीनों में इसके लिए बोलियां मंगाने की संभावना तलाश रहे हैं।’
सरकार ने अक्टूबर 2022 में प्रवर्तक कंपनी एनएमडीसी से छत्तीसगढ़ के नगरनार स्टील प्लांट को अलग कर दिया था। 1 दिसंबर, 2022 को सरकार ने एनएमडीसी स्टील की रणनीतिक बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए थे और प्रस्तावित सौदे के लिए कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी।
फरवरी 2023 में एनएमडीसी स्टील को 30.25 रुपये शेयर भाव पर स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराया गया। आज कंपनी का शेयर 0.98 फीसदी बढ़त के साथ 53.82 रुपये पर बंद हुआ। एनएमडीसी स्टील का बाजार पूंजीकरण 15,773 करोड़ रुपये रहा।
एनएमडीसी स्टील में सरकार की 60.79 फीसदी हिस्सेदारी है और 39.21 फीसदी आम शेयरधारकों के पास है। सरकार ने कंपनी में अपनी 50.79 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के साथ ही प्रबंधन का नियंत्रण भी छोड़ने का निर्णय किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘कंपनी सूचीबद्ध है और उसके पास 37,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसलिए वह अपने शेयरधारकों के लिए ज्यादा मूल्य जुटा सकती है। हम चालू वित्त वर्ष में समूची प्रक्रिया पूरी होने की संभावना तलाश रहे हैं।’
इस बारे में जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
इस साल जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण या विनिवेश के संदर्भ में मंत्रिमंडल के निर्णय में कोई बदलाव नहीं होगा।
बजट बाद बातचीत के दौरान यह पूछने पर कि सरकार के एजेंडे में निजीकरण पर ध्यान बना रहेगा, वित्त मंत्री ने कहा था, ‘निजीकरण या विनिवेश पर निर्णय मंत्रिमंडल का होता है और इसका सम्मान किया जाएगा। लेकिन इसका समय सरकार परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तय करेगी।’
उन्होंने कहा था कि कैबिनेट द्वारा मंजूर इनमें से किसी या कई कंपनियों के विनिवेश का समय सरकार द्वारा तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद एयर इंडिया और ओडिशा में एक स्टील प्लांट का विनिवेश किया गया था।
आम बजट में वित्त वर्ष 2025 के लिए विनिवेश सहित विविध पूंजी प्राप्तियों का लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये रखा गया है। वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान में इससे 30,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया गया था।