Nirjala Ekadshi 2023: निर्जला एकादशी की जाने पूजा विधि और इन बातों का रखे ख्याल, आपको भी मिलेगा पूजा का फल

निर्जला व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी! दरअसल, 31 मई को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जायेगा. बता दें कि यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्यक्ति द्वारा रखा जाता है.

Sheetal Chaubey
Published on: 21 May 2023 4:27 AM GMT
Nirjala Ekadshi 2023: निर्जला एकादशी की जाने पूजा विधि और इन बातों का रखे ख्याल, आपको भी मिलेगा पूजा का फल
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निर्जला व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी! दरअसल, 31 मई को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जायेगा. बता दें कि यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्यक्ति द्वारा रखा जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि एक वर्ष में 24 एकादशी आती हैं जिनमें से निर्जला एकादशी को अत्यधिक शुभ और फलदाई माना जाता है. ऐसे मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य को बाकी के 23 एकादशी के जितना ही फल प्राप्त होता है. जैसा की इसके नाम से ही आपको सबसे महत्त्वपूर्ण चीज का पता चल गया होगा की इससे बिना पानी पिए रखा जाता है यानी आपको प्यार दिन पानी का त्याग करना होता है. इसके साथ ही निर्जला एकादशी के दिन व्यक्ति को कुछ बातों का ज्यादातर ध्यान रखना होता है ताकि मन चाहा फल प्राप्त हो सकें. अगर आप भी यह व्रत रखने वाले हैं तो हम आपको इससे जुड़ी मेहतवपूर्ण बातो के बारे में विस्तार से बताते हैं.

आपको बता दें कि निर्जला एकादशी के दिन व्यक्ति को पानी का त्याग करना होता है यानी की पूरे दिन उससे पानी का एक बूंद नहीं पीना होता है. यही कारण है कि इस दिन किसी भी तरह के तरल पदार्थ का सेवन करने से बड़े बुजुर्ग मना करते हैं. परंतु यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसके लिए छुट होती है. दरअसल, निर्जला एकादशी से एक दिन पूर्व किसी भी तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें. साथ ही द्वादशी में व्रत का पारण करने के बाद ही भोजन कर सकते हैं.-


बालकनी में पशु पक्षियों को पानी और थोड़ा दाना डालना चाहिए

बता दें कि इस दिन व्यक्ति को अपने घर के छत पर या बालकनी में पशु पक्षियों को पानी और थोड़ा दाना डालना चाहिए, यह करने से ईश्वर और खास करके भगवान विष्णु की कृपा आप पर सदा बनी रहती है और आप हर काम में सफल होते है.

मस्तिष्क में किसी के प्रति द्वेष, घृणा और क्रोध नहीं रखना चाहिए

इस दिन व्यक्ति को अपने मस्तिष्क में किसी के प्रति द्वेष, घृणा और क्रोध नहीं रखना चाहिए और साथ ही इस दिन लालच, मोह, क्रोध जैसी बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए. तथा निर्जला एकादशी के दिन भोर में उठकर स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाकर और व्रत का संकल्प लें और इस दिन एकादशी व्रत कथा जरुर पढ़ें. बता दें कि कथा का पाठ करने से मनुष्य को अपना मन पसंदीदा फल प्राप्त होता है.

Anurag Tiwari

Anurag Tiwari

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