Madhya Pradesh: ड्यूटी टाइम में अब अगर कोई भी चिकित्सक अपने निवास अथवा क्लीनिक में मरीजों को देखते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होना तय हैं। कलेक्टर ने सोमवार की बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी चिकित्सक ड्यूटी टाइम में अस्पताल के अलावा अन्य जगह मरीजों का इलाज नहीं कर सकेगा। सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों के लिए पहले से ही पूरी तरह से प्रैक्टिस पर प्रतिबंध है। इस नियम को वे ध्यान रखें।
- सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों की प्रैक्टिस पर पूरी तरह से प्रतिबंध
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार गंभीर होती दिख रही है। कोलकाता की घटना के बाद अस्पताल एवं चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है। कमिश्नर और कलेक्टर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
अस्पताल के वार्डों को सीसीटीव्ही कैमरे के निगरानी में किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार घटना होने पर उस पर नजर रखी जा सके। सोमवार को अस्पताल की व्यवस्थाओं को चुस्त- दुरूस्त करने के लिए कलेक्टर ने बैठक किया जिसमें मेडिकल कालेज के डीन और संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक मौजूद रहे। कलेक्टर ने कहा कि देखने में आया है कि चिकित्सक अस्पताल टाइम में अपने निवास पर मरीजों को देख रहे हैं जो गलत है।
उन्होने कहा कि अब अगर शिकायत के दौरान कोई भी चिकित्सक प्रैक्टिस करते हुए मिला तो कार्रवाई की जाएगी। उधर सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों के लिए निर्देश जारी किए गए कि उनकी नौकरी शुरू होने से पहले यह तय हो गया है कि वे प्रैक्टिस नही करेगें। इसके बाद भी उनकी प्रैक्टिस जारी हैं।
संभागायुक्त की बैठक में हुए निर्देश
गत 30 अगस्त को संभागायुक्त की बैठक हुई जिसमें कहा गया कि अस्पताल समय में चिकित्सक प्रैक्टिस करते हैं। यह एनएमसी के प्रावधानों के विपरीत है। अब अगर कोई चिकित्सक प्रैक्टिस करते मिला तो उसके विरूद्ध मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 एवं मप्र स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय शैक्षणिक आदर्श सेवा भर्ती नियम 2018 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस तरह का आदेश भी डीन मेडिकल कालेज ने जारी कर दिया है।
इस तरह के आदेश
• रोस्टर के अनुरूप आकस्मिक चिकित्सा विभाग में डियूटी करेंगे वरिष्ठ चिकित्सक।
• इलाज के लिए आने वाले मरीजों की सम्पूर्ण जानकारी वरिष्ठ चिकित्सक रखेंगे।
• पीजी डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ डियूटी से तभी आउट होंगे जब उनके रिलीवर अस्पताल में पहुंच जाएंगे।
• निरीक्षण के दौरान अगर आदेश के अनुकूल व्यवस्था नहीं मिली तो कार्रवाई होगी।
• चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सक बोर्ड लगाकर अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं वह तत्काल हटाएं।
• वरिष्ठ चिकित्सक प्रैक्टिस एनएमसी के प्रावधानों के अनुरूप करें।
- अस्पताल के डियूटी टाइम में कोई भी मेडिकल टीचर प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। संभागायुक्त की बैठक में जारी किए गए निर्देशों के बाद मेरे द्वारा इस तरह के आदेश निकाल दिए गए हैं जिसका पालन करना अनिवार्य होगा।
डॉ. सुनील अग्रवाल, डीन मेडिकल कॉलेज