मध्यप्रदेश: कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने कई अहम निर्णय ले रही है। इसी क्रम में पार्टी ने तय किया है कि आने वाले समय में कांग्रेस के कार्यकर्ता हर जिले में किसान न्याय यात्रा निकलेगी, जिसमें राज्य सरकार की वायदा खिलाफी की पोल खोली जाएगी।
शुक्रवार को यह एलान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज समूचे प्रदेश के किसान कह रहे हैं कि मोदी सरकार हो या प्रदेश की मोहन यादव सरकार, किसी को भी किसानों के हितों की चिंता नहीं है। फरवरी 2016 में देश के प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश की बरेली की रैली में कहा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना कर दी जाएगी। मगर मोदी सरकार के ही नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश के किसानों की औसत आमदनी 27 रूपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज प्रति किसान 74 हजार रूपये हो गया है।
यह इसलिए हुआ कि बीते दस वर्षों में खेती की लागत 25 हजार रूपये हेक्टेयर बढ़ा दी गई। टेक्टर व खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी, खाद पर 5 प्रतिशत, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत, डीजल की कीमत 35 रूपये प्रति लीटर बढ़ गई।
पटवारी ने कहा कि अप्रैल 2023 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री जी की मौजूदगी में रीवा के पंचायती राज सम्मेलन में यह घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुना कर दी गई है।
जबकि मार्च 2022 में केंद्रीय संसदीय समिति ने यह रिपोर्ट लोकसभा में दी कि मध्यप्रदेश एक ऐसा प्रांत हैं, जिसमें किसानों की आमदनी 2015-16 की तुलना में 9740 रूपये से घटकर 8339 रूपये प्रतिमाह प्रति परिवार रह गई है।
चुनाव जीतने के लिए घोषणा-पत्र में झूठ बोला
चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के किसानों से अपने घोषणा-पत्र में झूठ बोला कि चुनाव जीतने पर गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल किया जायेगा। चुनाव जीतते ही किसानों को धोखा दे दिया। आज मध्यप्रदेश में सोयाबीन का भाव लगभग 4000 रूपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है। जबकि उसका समर्थन मूल्य 4892 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो कि पहले ही अपर्याप्त है। मध्यप्रदेश के साथ मोदी सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा मध्यप्रदेश से आने वाले देश के कृषि मंत्री ने बीते 5 सितम्बर को मध्यप्रदेश के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि प्राईज सपोर्ट स्कीम के माध्यम से सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जायेगी। मगर सिर्फ कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मध्यप्रदेश को इस योजना से बाहर रखा गया है। प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करते हुये उसके साथ कुबराघात किया गया।
फसलों में समर्थन मूल्य के कानूनी गारंटी की मांग
पटवारी ने कहा कि हम किसानों की फसलों के लिए समर्थन मूल्य के कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। हम इस मांग को और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को मुखरता से उठायेंगे और प्रदेश के हर जिले में किसान न्याय यात्रा निकालेंगे, जिसका आगाज आगामी 10 सितम्बर 2024 को मंदसौर जिले के गरोठ से किया जायेगा, फिर यह यात्रा 13 सितम्बर को टिमरने से होशंगाबाद, 15 सितम्बर को आगर मालवा, 22 सितम्बर को इंदौर में आयोजित होगी। समानांतर रूप से प्रदेश की सभी जिला कांग्रेस इकाईयां अपनी निर्धारित तिथि अनुसार प्रत्येक जिलों में यह किसान न्याय यात्रा निकालेंगी।