Rewa News। नगर निगम की मेयर इन काउंसिल को बायपास कर सीधे परिषद की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृत देने के मामले में हाईकोर्ट सख्त हो गया है। नगर निगम के मेयर इन काउंसिल धनेन्द्र सिंह बघेल की अवमानना याचिका में सुनवाई करते हुए नगरीय प्रशासन प्रमुख सचिव, तत्कालीन आयुक्त संस्कृति जैन, अध्यक्ष व्यकंटेश पांडेय और परिषद सचिव एमएम सिद्दीकी को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।
- कोर्ट के अवमानना मामले में उलझे पीएस और निगम प्रशासन
- वर्तमान और तत्कालीन निगम आयुक्त, परिषद अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी
ऐसे में इन सभी की मुश्किलें बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि मेयर इन काउंसिल के बायपास कर सीधे परिषद की बैठक से शहर के कई मामलों को स्वीकृत दी गई थी। इस तरह नियम विरूद्ध तरीके से एमआइसी को बायपास करने के मामले में हाईकोर्ट ने 30 जून तक शासन को मामला निराकृत करने का समय दिया था। इसके बावजूद भी शासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर हाई कोर्ट में अवमानना नोटिस जारी की है।
- इस एजेंडे पर था टकराव
मप्र नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 29 (5) में स्पष्ट प्रावधान है कि अध्यक्ष महापौर द्वारा अनुमोदित एजेण्डा में किसी भी मद को न तो अपवर्जित करेगा और न तो सम्मिलित करेगा लेकिन एमआईसी के पारित प्रस्ताव में चाही गई जानकारी न देकर एजेण्डा क्र.23, 24 एवं 25 में शामिल आधे-अधूरे कार्य का हस्तांतरण एवं अधिपत्य लिए जाने के पूर्व उसके संचालन संधारण व 84 दुकानों के आधिपत्य के पूर्व उनका आवंटन एवं लीज नवीनीकरण का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया और कार्यसूची अध्यक्ष के पास तिथि तय करने के लिय भेजी गई थी, किन्तु अध्यक्ष द्वारा नियमों के विपरीत इन 3 विषयों को सम्मिलित कर लिया गया।
बता दें कि शहर के रतहरा तालाब सौंदर्यीकरण ठेका आवंटन प्रक्रिया, पंचमठा सौदर्यीकरण और सिरमौर चौराहा की ८४ दुकानों के आवंटन के मामले में नगर निगम की मेयर इन काउंसलिंग को बायपास कर सीधे परिषद की बैठक से पास किए गए। इसके बाद नगर निगम ने परिषद की मंजूरी लेकर काम किया। यहां कि परिषद की बैठक में भी सत्ता पक्ष के कोई एमआईसी सदस्य की अनुमति नहीं है।
- इन्हें जारी हुई नोटिस…
उच्च न्यायालय जबलपुर ने अवमानना के मामले में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास नीरज मंडलोई, तत्कालीन निगम आयुक्त संस्कृति जैन, निगम आयुक्त डा. सौरभ सोनवणे, परिषद अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय एवं नगर निगम के सचिव एमएस सिददीकी को नोटिस जारी किया है।
ऐसे में हाईकोर्ट ने इस तरह मनमानी प्रक्रिया अपनाने को लेकर अवमानना याचिका स्वीकार कर ली है और नोटिस जारी किया है। इसके बाद हड़कंम मचा हुआ है। बता दें कि रतहरा सौंदर्यीकरण तालाब पूरा नहीं होने कारण मेयर व एमआइसी ने पूरा काम कराने के बाद हैंड ओवर लेने की बात कही थी। बावजूद इसे परिषद में पास कर इसका ठेका निकाल दिया गया ।