REWA NEWS: नर्सिंग कालेजों की फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला की गर्दन फंसी हुई है। उनके खिलाफ रीवा जिले के कई समाजसेवी एवं छात्र संगठन मोर्चा खोलने के लिये तैयार हैं। उसकी शुरूआत 13 जून का रीवा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपकर की जायेगी।
जिले की हुजूर तहसील में नायब तहसीलदार की कुर्सी पर सालों से जमे यतीश शुक्ला कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं। उनकी कार्यप्रणाली से अभी तक प्रशासन और नेता अघाये हुये नहीं हैं। नायब तहसीलदार शुक्ला के खिलाफ शासन स्तर से कार्यवाही में हो रही देरी के लिए नर्सिंग छात्राओं एवं उनके परिजनों में खासा आक्रोश है।
उनको रीवा से तत्काल हटाने के लिए गुरुवार को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में जुटे सामाजिक संगठन एवं छात्रों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री से जरिये ज्ञापन नायब तहसीलदार के विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग भी करेंगे। प्रदेश में हुये नर्सिंग घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित है क्योंकि इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन गर्जना कर अपने तेवरों का अहसास करा चुके हैं। कहा जा रहा है कि नायब तहसीलदार शुक्ला मजबूत राजनैतिक पकड़ के चलते रीवा में आबाद हैं और किसी भी कार्यवाही से बचने के लिये सत्ताधीशों की चौखट पर मत्था टेक रहे हैं।
पक्षकारों में पनपा असंतोष
नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला की आंखों का दोष है या फिर सौदेबाजी का प्रसंग है, जिसके कारण वे कार्यवाही के राडार में आय गये हैं। इनसे तहसील में राजस्व मामलों के पक्षकार भी असंतुष्ट नहीं रहते हैं। अक्सर पक्षकारों का असंतोष सामने आता रहता है। वैसे भी राजस्व महकमा अनुचित लेनदेन के लिए कुख्यात हैं।