Loksabha Result Live Updates: राजगढ़ सीट पर अब राघौगढ़ राजघराने की प्रतिष्ठा अब दांव पर लगी है. अपने जीवन का आखिरी चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह क्षेत्र की जनता से भावुक अपील कर चुके हैं. उधर बीजेपी मोदी के चेहरे पर तीसरी बार ‘राजा’ के गढ़ को अपने कब्जे में करने की कोशिश में है.
Indore से बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी
इंदौर में जीत के बड़े मार्जिन के लिए चुनाव, अब रिजल्ट के रुझानों पर करें गौर
इंदौर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने चुनावी नामांकन वापस लेकर बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के लिए मैदान खाली कर दिया था. ऐसे में भगवा खेमे ने चुनाव में रिकॉर्ड जीत को टारगेट बनाकर काम किया.
प्रवीण पाठक और भारत सिंह कुशवाह
ग्वालियर का दुर्ग BJP लगातार 5वीं बार जीतेगी या कांग्रेस का युवा नेता गाड़ देगा झंडा?
बीजेपी ने इस सीट से भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस ने प्रवीण पाठक पर दांव लगाया है. खास बात यह है कि दोनों ही दलों के उम्मीदवार 2023 का विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं.
बाएं से शिवमंगल सिंह तोमर और सत्यपाल सिंह सिकरवार
क्या लगातार 8वीं बार चुनाव जीतेगी BJP या रुक जाएगा विजयी रथ? देखें मुरैना का अपडेट
मुरैना में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान हुआ था. केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने तीसरी बार इस सीट से नया चेहरा उतारने का फैसला किया है. इससे पहले 2019 के चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर और 2014 के चुनाव में अनूप मिश्रा चंबल की इस सीट से चुनकर संसद भवन पहुंचे थे.
बाएं से महेश परमार और अनिल फिरोजिया
उज्जैन में बना रहेगा दबदबा या कांग्रेस मारेगी बाजी? देखें लाइव अपडेट्स
उज्जैन लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का वर्चस्व है. 1951 के आम चुनाव से अब तक इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस सिर्फ 5 चुनाव ही जीत सकी है. जबकि भगवा दल 12 बार जीत का परचम लहरा चुका है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया और राव यादवेंद्र सिंह
क्या 2019 के ‘घाव’ पर मरहम लगा पाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया? देखें रुझान
पिछले आम चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट सिंधिया अपनी पारंपरिक सीट को हार गए थे. अब बीजेपी के टिकट पर ‘महाराज’ ने वापसी के लिए चुनाव लड़ा है.
BJP प्रत्याशी विवेक बंटी साहू और कांग्रेस के नकुलनाथ
कमलनाथ बचा पाएंगे अपना गढ़ या फिर कांग्रेस से छिंदवाड़ा छीन लेगी BJP? देखें अपडेट्स
एमपी में ‘मिशन 29’ का टारगेट लेकर चली बीजेपी के लिए छिंदवाड़ा शुरू से ही रोड़ा बनी हुई है. इस बार चुनाव में कमल दल के दिग्गज नेताओं ने छिंदवाड़ा को फतह करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया, जबकि कमलनाथ ने पुराने रिश्तों और विकास मॉडल के जरिए अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए मशक्कत की.