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Madhya Pradesh Education Department News: MP के एक ही विद्यालय में पदस्त 11 शिक्षक ब्रेन ट्यूमर एवं अपंगता से ग्रस्त

By Surendra Tiwari

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Madhya Pradesh Education Department News: रीवा जिले के अंदर संचालित स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की दुर्दशा के पीछे कहीं न कहीं शिक्षकों की बड़ी भूमिका दिखायी दे रही है। एक ओर शहर या उससे नजदीकी स्कूलों में बिना पद के शिक्षकों की भीड़ बनी हुई है, तो दूसरी तरफ कई ऐसे स्कूल हैं जहाँ शिक्षकों की पूर्ति ही नहीं हो पा रही है। जब विद्यालय में विषय शिक्षक रहेंगे ही नहीं तो कहाँ से पढ़ाई हो पायेगी।

हालांकि अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थ किये जाने सूचना जारी की है, और उन्हें तत्काल भेजे जाने के निर्देश दिये गये हैं। हैरत की बात यह है कि लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश के बाद एजुकेशन पोर्टल में जारी शिक्षकों की लिस्ट में गंभीर विसंगतियां देखने को मिली है। जारी सूची में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल बदरांव रीवा में 11 शिक्षक अचानक ब्रेन ट्यूमर एवं अपंगता से ग्रस्त दर्शाये गये हैं। यह जुगाड़तंत्र अतिशेष से बचने के लिये अचानक गंभीर बीमारी ग्रसित होना माना जा रहा है।

जिलाध्यक्ष मानवाधिकार आयोग के हरिराम सिंह द्वारा प्रेस को जारी की गयी प्रति में उल्लेखित है कि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा जारी पत्र क्र. स्था.-3/सी- 2/2024/2562 दिनांक 23 अगस्त 24 के अनुसार अतिशेष शिक्षकों को शैक्षणिक संस्थाओं में संख्या मान एवं विषय मान के अनुसार एजकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित सूची के आनुसार काउंसलिंग के माध्यम से अन्यत्र पदस्थ करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। एजुकेशन पोर्टल में जारी शिक्षकों की लिस्ट में पाया गया कि उच्च्च पद प्रभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों के भी नाम नवीन पदांकित शाला के स्थान पर पूर्व शाला में ही दर्शाये गये हैं। इसके अलावा रमेश सिंह पूर्व क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रीवा को अतिशेष शिक्षकों की सूची में दर्शाया गया है जबकि वे पीटीआई पद पर पदस्थ हैं। शासकीय हा. से. स्कूल बदरांव में 11 शिक्षक ब्रेन ट्यूमर एवं अपंगता से ग्रस्त दर्शाये गये हैं।

मानवाधिकार आयोग के जिलाध्यक्ष हरिराम सिंह ने मांग की है कि उपरोक्त विसंगतियों का निराकरण एजुकेशन पोर्टल में करने एवं वास्तविक गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को ही इसका लाभ प्रदान किया जाय, तत्पश्चात ही अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया को प्रारंभ करते हुये वास्तविक रिक्त पदों पर पदस्थापना की जाय।

लोक संचालनालय से जारी सूची में दिये गये निर्देश
23 अगस्त 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से जारी की गयी सूची में स्पष्ट किया गया कि राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 जारी दिनांक 08 सितम्बर 2022 की कडिका 3.2 के अनु म में अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थ करने के संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए है। जारी निर्देश में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में संख्यामान एवं विषयमान से, जैसी भी स्थिति हो. अतिशेष शिक्षकों की स्थिति एजुकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित की गई है। ऐसे सभी अतिशेष शिक्षकों को, शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थ करने हेतु दिनांक 28 अगस्त 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय/जिले द्वारा चिन्हांकित काउंसलिंग स्थल पर प्रातः 10 बजे उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया जाए।
जिलों में वर्ग-3 श्रेणी के समस्त रिक्त पदों की सूची को प्रमाणित करने के उपरांत काउंसलिंग स्थल/कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा किया जावे ताकि समस्त अतिशेष शिक्षक उस सूची का भली-भांति अवलोकन कर सकें। अतिशेष शिक्षकों की संख्या के मान से रिक्त स्थानों की सूची की पर्याप्त प्रतियां भी कार्यालय में अवलोकन हेतु रखी जावें। अतिशेष शिक्षकों द्वारा निम्नलिखित वरीयता म में संबंधित जिले की शिक्षकों की कमी वाली शालाओं का चयन किया जाए‌गा।
संबंधित अतिशेष शिक्षक जिस शाला में पदस्थ है उस शाला में यदि श्रेणी-3 का पद रिक्त है तो उक्त रिक्त पद के चयन हेतु उसी विद्यालय में पदस्थ शिक्षक को प्रथम वरीयता दी जाएगी। उक्त शाला में यदि एक से अधिक अतिशेष शिक्षक पदस्थ है एवं अतिशेष शिक्षकों की संख्या के मान से शाला में रिक्त पद कम है तो ऐसी स्थिति में वरिष्ठ शिक्षक (ग्रेडेशन अनुसार) द्वारा उसी शाला के रिक्त पद पर पदस्थापना हेतु वरिष्ठता सूची के कम में शाला का चयन किया जाए‌गा।
प्रत्येक जिले में काउंसलिंग प्र िया के पर्यवेक्षण, अनुवीक्षण तथा समन्वय हेतु एक अधिकारी काउंसलिंग के प्रारंभ से अंत तक काउंसलिंग स्थल पर उपस्थित रहेगे। समस्त संभागीय संयुक्त संचालक उनके संभाग के मुख्यालय वाले जिले में स्वयं तथा उनके संभाग के अन्य जिलों में उनके द्वारा नामांकित अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहेगे। काउंसलिंग प्र िया की शुचिता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित पर्यवेक्षक की होगी। राज्य स्तर से समस्त कार्यवाही का पर्यवेक्षण राज्य स्तरीय काउंसलिंग समिति द्वारा सतत् रूप से किया जाएगा। जिले के ऐसे अतिशेष शिक्षक जिनके द्वारा उक्त काउंसलिंग में भाग नहीं लिया जाएगा अथवा उपलब्ध रिक्त स्थानों में से किसी भी रिक्त स्थान का चयन नहीं किया जाएगा, ऐसे सभी अतिशेष शिक्षकों का शिक्षकों की कमी चाली शेष शालाओं में प्रशासकीय स्थानांतरण का प्रस्ताव दिनांक 30 अगस्त 2024 तक संचालनालय को हार्ड एवं सॉफ्टकापी में संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार प्रस्तुत किया जाएगा।

 

 

Surendra Tiwari

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