रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला – MP News

विंध्य भास्कर/डेस्क रिपोर्टर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश ए . श्रीधरन की संयुक्तपीठ ने राज्य में कोरोना संकट के बीच रमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी लगातार जारी रहने को लेकर चिंता जताते हुए मामले में गुरुवार , 29 अप्रैल को कड़ा आदेश सुनाए जाने की व्यवस्था दे दी । बुधवार को संयुक्तपीठ के समक्ष मामले सुनवाई शुरू होते ही पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से जवाब पेश किया , जिसमें बताया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी को रोकने आरोपियों की धरपकड़ तेज कर दी है तथा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई तक की जा रही है । कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने राज्य शासन की ओर से प्रस्तुत उक्त जवाब पर आपत्ति दर्ज कराई ।

उन्होंने हुए कहा कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी बेहद चिंताजनक है और तमाम प्रयासों के बावजूद यह रुकने का नाम नहीं ले रही है । मुनाफाखोर आपदा में अवसर तलाशकर पैसे बनाने में जुटे हैं लिहाजा रमेडेसिविर के वितरण का कार्य रेडक्रॉस को सौंप दिया जाए । ऐसा होने पर कालाबाजारी पर अपेक्षाकृत बेहतर अंकुश सुनिश्चित होगा । सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए । वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि 36 घंटे के भीतर रिपोर्ट अब भी मुहैया नहीं कराई जा रही है इससे कोविड मरीज संकट में फंस रहे हैं । न्यायालय ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद नाराजगी के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी न रुकने को लेकर चिंता व्यक्त की । संयुक्तपीठ ने इस संबंध में गुरुवार 29 अप्रैल को आवश्यक आदेश पारित करने की व्यवस्था दे दी ।

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