निजी क्षेत्र के अस्पताल रोगियों को बेहतर सेवाएं देंगे – उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल

REWA NEWS : रीवा में अधोसंरचना के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। इसके साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है। रीवा में सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल, मेडिकल कालेज तथा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बेहतर की जा रही हैं। रीवा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनाया जाएगा। शासकीय क्षेत्र और निजी क्षेत्र के अस्पताल मिलकर रोगियों को बेहतर उपचार सेवाएं देंगे। हर व्यक्ति को समुचित शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य का अधिकार मिलने पर ही क्षेत्र में आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। रीवा के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में इन्दौर के एक निजी अस्पताल द्वार आयोजित तीन दिवसीय नि:शुल्क सुपर स्पेशलिटी जाँच एवं उपचार शिविर का शुभारंभ के दौरान उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कही। समारोह में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग के उपचार से बेहतर है कि समय पर जाँच कराकर हम बीमार होने से बचें। रीवा में फरवरी माह में संभाग भर के एक लाख व्यक्तियों की कैंसर संबंधी जाँच की गई। इनमें से 40 रोगी चिन्हित कर उन्हें समुचित उपचार दिया गया। मार्च माह में लगभग 50 हजार व्यक्तियों की स्वास्थ्य की जाँच नि:शुल्क की गई जिनमें बड़ी संख्या में विटामिन डी की कमी तथा खून की कमी के रोगी चिन्हित कर उन्हें उपचार दिया गया।

बतादे कि रीवा में तीसरा शिविर इन्दौर के एक निजी अस्पताल के सहयोग से लगाया गया है। इससे गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को नि:शुल्क जाँच और उपचार की सुविधा मिलेगी। साथ ही अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के मार्गदर्शन का लाभ मेडिकल कालेज और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को भी मिलेगा।

इन्दौर के निजी अस्पताल के संचालक डॉ विनोद भण्डारी ने स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए जो सुझाव दिए हैं उनको लागू करने के लिए मेडिकल कालेज के डीन प्रस्ताव बनाएं। समारोह में इन्दौर अस्पताल के संचालक डॉ विनोद भण्डारी ने कहा कि रीवा में हमारा हास्पिटल का 75वां शिविर लगाया जा रहा है। इस शिविर में आधुनिक उपचार सुविधाओं से युक्त चार बसों के माध्यम से कैंसर तथा अन्य रोगों की जाँच एवं उपचार की सुविधा दी गई है। शिविर में चिन्हित गंभीर रोगियों को हास्पिटल नि:शुल्क उपचार की सुविधा देगा। हमारा हास्पिटल रीवा में स्तन कैंसर की जाँच के लिए सेंटर बनाने, गर्भस्थ शिशु की जाँच, उपचार तथा फीडल सर्जरी के लिए प्रशिक्षण तथा सहयोग देगा। शासकीय अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षण के लिए स्तन कैंसर की जाँच की सुविधा रीवा को दी जाएगी।

समारोह में विधायक गुढ़  नागेन्द्र सिंह ने कहा कि नि:शुल्क उपचार की सुविधा समाजसेवा का सबसे महानतम कार्य है। उप मुख्यमंत्री के प्रयासों से रीवा को स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में अनूठा उपहार मिला है। उप मुख्यमंत्री रीवा ही नहीं पूरे प्रदेश के विकास के सारथी हैं।

समारोह में हास्पिटल के सीईओ तथा बेरियाट्रिक एवं रोबोटिक सर्जन डॉ महक भण्डारी ने कहा कि हमारा परिवार सेवाभाव से रोगियों का उपचार कर रहा है। हमारे परिवार में एक छोटे से क्लीनिक से 1980 में उपचार सेवा शुरू की। 2020 में इंदौर में मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जिसमें मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज, नर्सिंग कालेज, फिजियोथेरेपी सेंटर तथा टेक्नीशियनों के प्रशिक्षण के लिए सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ 1600 बिस्तरों का हास्पिटल है। हमारी चार चलित मेडिकल इकाईयों में कैंसर रोग की जाँच तथा उपचार, आँखों के उपचार, नवजात शिशिओं की जाँच तथा स्तन कैंसर की जाँच और उपचार के लिए सुविधा उपलब्ध हैं। इनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात है।

रीवा आयोजित शिविर में हमारे अस्पताल के डॉक्टरों सहित 156 व्यक्ति अपनी सेवाएं दे रहे हैं। समारोह में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए शिविर के उद्देश्यों की जानकारी दी। समारोह में सभी आमंत्रितों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

समारोह में विधायक मनगवां  नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, नगर निगम अध्यक्ष  व्यंकटेश पाण्डेय, आईजी एमएस सिकरवार, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, डीन मेडिकल कालेज रीवा, पार्षदगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक तथा रोगियों के परिजन उपस्थित रहे।

प्रथम दिवस 2897 मरीजों की हुई जाँच –

शिविर के प्रथम दिवस 2897 मरीजों की जाँच की गई जिसमें ऑप्थल के 394, गायनी के 278, हड्डी रोग से संबंधित 747, ब्रोस्ट कैंसर के 128, सर्वाइकल कैंसर के 135, ऑन्कोलॉजी एवं आन्को कार्डियो के 135, सर्जरी के 287, चर्म रोग के 352, गैस्ट्रो के 168, न्यूरोलॉजी के 97, मस्तिष्क रोग के 210, पीडियाट्रिक्स के 198, दंत रोग के 152, दंत रोग आरव्हीजी के 6, पीडियाट्रिक कार्डियो के 68, पीडियाट्रिक इको के 92, यूएसजी के 136 जिनमें 71 पुरूष तथा 65 महिलाएं, मैम्मो की 48, पेप सीमियर के 74, बायप्सी 2, ऑडियोमेट्री के 68, एनबीएस के 3, ईसीजी के 180 जिनमे 94 पुरूष व 86 महिलाएं शामिल हैं, इको के 64 तथा नाक, कान, गला रोग से संबंधित 126 मरीजों का पंजीयन कर उनकी जाँच की गई।