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राजधानी भोपाल तक बजता है रीवा के बाबूराज का डंका: आर्ट, कॉमर्स और उर्दू के शिक्षक बन गये साइंस के शिक्षक

By Surendra Tiwari

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MP NEWS: स्कूल शिक्षा विभाग रीवा के संभागीय कार्यालय के सुपरवीजन में इन दिनों अधीनस्थ चारों जिले रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली के सहायक शिक्षकों तथा प्राथमिक शिक्षकों के ग्रेडेशन का कार्य प्रचलन में है। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा द्वारा 27 मई 2024 को प्रकाशित की गई संभागस्तरीय अनंतिम पदक्रम सूची में प्रविष्ट विसंगतियों के विरुद्ध दावा- आपत्तियों का सिलसिला जारी है।

  • सहायक शिक्षक व प्राथमिक शिक्षक के ग्रेडेशन के कार्य में विसंगतियां बनीं चुनौती
  • संभागस्तरीय अनंतिम सूची में सेवानिवृत्त यहां तक कि जो अब इस दुनिया में नही हैं, उन शिक्षकों का नाम भी प्रकाशित

जानकारों की मानें तो अनंतिम सूची में सिर चकराने वाली विसंगतियां हैं जिनकी शुद्धता शिक्षा विभाग के लिये महाचुनौती है। अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि शायद ही अनंतिम सूची में दर्ज विसंगतियां दूर हो पायें? उस संदर्भ में तर्क दिया जा रहा है कि जिनको व्यक्तिशः नुकसान है उनके द्वारा दावा आपत्ति किया जाना स्वभाविक है किन्तु जिनके मुंह में अपने आप रसगुल्ला आ गिरा है तो वे दावा-आपत्ति क्यों करेंगे? अनंतिम पदक्रम सूची में विसंगतियों की प्रकृति पृथक-पृथक है।

जानकारों की मानें तो विसंगतियों का आरंभ संकुल केन्द्रों से हुआ जो जिला कार्यालय के रास्ते संभागीय दफ्तर पहुंच गया। सब बाबुओं की मेहरबानी है। संभागस्तरीय अनंतिम सूची में सेवानिवृत्त यहां तक कि जो अब इस दुनिया में नही हैं, उन शिक्षकों का नाम भी प्रकाशित हो गया है।

ऑर्ट, कॉमर्स एवं उर्दू विषय के शिक्षकों को साइंस सब्जेक्ट का शिक्षक पद नवाज दिया गया। अर्थात् संकुल एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी सूची में जिनका नाम उनके विषय अनुरूप दर्ज था वह संभागस्तरीय सूची में दीगर विषय में दर्ज हो गया है। यदि ऐसे प्रकरण में दावा-आपत्तियां नहीं आईं और विभाग द्वारा स्वविवेक से सूची का परीक्षण कर सुधार नहीं किया गया तो बाद में कोर्ट- कचेहरी की स्थिति निर्मित होना तय है।

शार्टकट में उच्च पद का लाभ
जानकारों के अनुसार कला एवं वाणिज्य संकाय में शिक्षकों की भीड़ है बनिस्बत उसके साइंस खासकर गणित विषय में शिक्षकों की कमी है। नतीजतन विज्ञान संकाय के विषयों में उच्च पद का लाभ मिलने की संभावना अधिक रहती है। शार्टकट में उच्च पद का लाभ कौन नहीं चाहता है।

आगामी 10 जून 24 से उच्च पद की कार्यवाही शुरू होने के आसार हैं। सहायक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक की अनंतिम सूची में मौजूद विसंगतियों का सुधार 3 जून तक किया जाना है, जो असंभव लग रहा है। उम्मीद है कि उसके लिए तिथि बढ़ेगी। इस प्रकार की त्रुटि तो कोई नशे में ही कर सकता है कि शिक्षक की जन्मतिथि को ही प्रथम नियुक्ति मानकर उसकी सेवागणना की जाए।

एक शिक्षक की जन्मतिथि 1964 है उनकी प्रथम नियुक्ति में भी 1964 लिख दिया गया है। रीवा में कुछ भी असंभव नहीं है। यहां के बाबूराज का डंका राजधानी भोपाल तक बजता है। ध्यान देने योग्य बात है कि शिक्षकों के विषय का जो उल्लेख किया गया है वह उनकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित है।

Surendra Tiwari

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