रीवा: म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन की महाप्रबंधक (मिलिंग) शिखा पोरस नरवाल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023- 24 में उपार्जित धान की मिलिंग अंतर्गत अतिशेष फोर्टीफाइड सीएमआर (चावल) सेंट्रल पूल में भारतीय खाद्य निगम को ऑफर अनुसार परिदान के लिये बार-बार जिला प्रबंधकों को लिखा जा रहा है लेकिन उनके निर्देशों का पालन नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली गति से किया जा रहा है।
महाप्रबंधक मिलिंग ने एक सप्ताह पूर्व अर्थात् 30 मई 24 को रीवा सहित प्रदेश के दस जिला प्रबंधक की ओर लेख किया गया था। भारतीय खाद्य निगम को केन्द्रीय पूल में परिदान के लिये ऑफर मात्रा के विरुद्ध 51 प्रतिशत सीएमआर परिदान होने का पत्र में उल्लेख करते हुये नाराजगी व्यक्त की थी। महाप्रबंधक (मिलिंग) ने 6 जून 24 को पुनः पत्र जारी किया है।
- हल्के में लिया जा रहा वरिष्ठ कार्यालय का हुक्म
- ईशा इण्डस्ट्री पर मेहरबान नान का जिला दफ्तर
चावल परिदान की मात्रा में सिर्फ एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अब एफसीआई को सेंट्रल पूल में परिदान चावल की मात्रा 52 प्रतिशत दर्ज की गई है। महाप्रबंधक मिलिंग ने सीएसएमएस पोर्टल का हवाला देते हुये कहा है कि मिलर्स से अनुपातिक रूप से भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में लिखा है कि जिला प्रबंधक मिलिंग नीति का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। मिलर्स से कार्पोरेशन में अभी अभी चावल जमा कराया जा रहा है जो अत्यंत आपत्तिजनक एवं मिलिंग नीति का उल्लंघन है।
उन्होंने जिला प्रबंधकों निर्देशित किया है कि जिले के अनुपात एवं ऑफर मात्रा अनुसार एफसीआई में चावल को जमा कराया जाना सुनिश्चित करें तथा जिन मिलर्स द्वारा अनुबंध अनुसार सीएमआर जमा नहीं किया जाता है तो उनके विरुद्ध पेनाल्टी अधिरोपित करते हुये कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें। ऐसे मिलर्स जिन्होंने पूर्व में उठाई गई धान के विरुद्ध एफसीआई में शेष चावल जमा नहीं किया है उन्हें नवीन धान प्रदाय नहीं किये जाने के निर्देश महाप्रबंधक (मिलिंग) ने दिये हैं। संबंधितत निर्देशों की अवहेलना पर जिला प्रबंधक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की ताकीद महाप्रबंधक ने दी है।
159630 क्विंटल चावल का परिदान शेष
गौरतलब है कि म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन की महाप्रबंधक (मिलिंग) ने 4 जून 24 को जारी पत्र में रीवा में 159630 क्विंटल चावल की मात्रा भारतीय खाद्य निगम में जमा नहीं किये जाने का लेख किया है। परिदान का प्रतिशत ६८ प्रतिशत बताया गया है। रीवा जिले के मिलरों ने अब तक में 49400 मेट्रिक टन ऑफर के विरुद्ध 33437 मेट्रिक टन चावल एफसीआई में जमा कराया है।
महाप्रबंधक (मिलिंग) ने साफतौर पर कहा है कि एफसीआई में चावल की शेष मात्रा जमा होने तक मिलरों को नवीन धान प्रदाय नहीं किया जाये। इस मामले में रीवा अपनी मर्जी का सिक्का चला रहा है। गिनती के दो-तीन मिलरों पर नागरिक आपूर्ति निगम का जिला कार्यालय दोनों हाथों से कृपा बरसा रहा है। इनमें से एक नाम ईशा इण्डस्ट्री का लिया जा रहे हैं।
डीएम नान के जिला दफ्तर में बैठे अधीनस्थ पगार तो कार्पोरेशन से ले रहे हैं किन्तु चाकरी मिलरों की करते हैं। बताया जा रहा है कि ईशा इण्डस्ट्री के स्टॉक में 123 लॉट यानी 3579.80 मेट्रिक टन माल डम्प है तथापि उक्त राइस मिलर धान उठाव का आदेश प्रदाय किया गया है। ईशा इण्डस्ट्री पर विभागीय नेमत का सहज अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि नान रीवा द्वारा 15 लॉट चावल जमा करने का डिपाजिट आर्डर 31 मई 24 को दिया गया था उसके बाद 3 जून को 15 लॉट चावल जमा करने का डिपाजिट ऑर्डर पुनः प्रदाय किया गया। दो दिन बाद ही यानी 5 जून 24 को 30 लॉट चावल जमा करने एवं 15 लॉट धान का उठाव करने का डिपाजिट व डिलेवरी आर्डन प्रदाय किया गया।
कई ऐसे मिलर है जिनका स्टॉक निल बटे सन्नाटा है फिर भी उनको धान उठाव का आदेश नहीं मिल रहा है। उनसे जिला कार्यालय परहेज रख रहा है। रीवा जिले में आधा सैकड़ा से ज्यादा राइस मिलर है किन्तु नान रीवा का चुम्बकीय आकर्षण चंद मिलर्स के प्रति ही है, जो शोध का विषय है?
- जरा इनकी सुनिये….
अनुपातिक रूप से एफसीआई में चावल जमा कराने वाले मिलर्स को ही धान उठाव का आदेश प्रदाय किया गया है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
शिखा सिंह वर्मा, प्रभारी डीएम नान रीवा