रीवा। नौतपा खूब तप रहा है। रीवा का अधिकतम तापमान 48.2 डिग्री तक गया। इसके बाद अब धीरे धीरे पारा नीचे उतर रहा है लेकिन तपन कम नहीं हो रही है। शहर से लेकर गांव तक जिला भट्टी की तरह तप रहा। गुरुवार को दिन भर भीषण गर्मी से लोग परेशान रहे। दोपहर बाद आसमान पर बादल छा गए। इससे लोगों को धूप से तो राहत मिली लेकिन तपन बरकरार रही।
ज्ञात हो कि इस मर्तबा गर्मी ने पुराने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। नौतपा में रीवा इस कदर तपा कि किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। जिला तपती हुई भट्टी बन गया है। कापा काकीट का विकास अब लोगों के लिए परेशानी बन गया है। गर्मी ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पारा इस मर्तबा इतना उच्छला कि लोगों का घरों में रहना तक मुश्किल हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब रीवा का तापमान 48.2 डिग्री तक पहुंच गया।
नौतपा कहर बरपा रहा है। पिछले दो दिनों से हालांकि मौसम में आए बदलाव ने लोगों को तेज धूप से राहत दी है लेकिन तपन पहले जैसे ही बरकरार है। दिन के साथ ही रात में भी राहत नहीं मिल रही है। बढ़ते तापमान में एसी और कूलर भी फेल हो गए हैं। गुरुवार को दिन का तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं रात का तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
एसी, कूलर तक हो गए फेल
इस मर्तबा जिस तरह से गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। उसके सामने सब नतमस्तक हो गए हैं। एसी और कूलर तक अपना असर नहीं छोड़ पा रहे हैं। एसी भी फेल हो गए हैं। कूलर की ठंडक भी बेअसर हो गई है। ठंडी हवा के लिए लोग तरस रहे हैं। घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है।
अस्पताल मरीजों से पट गए
गर्मी का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ा है। गर्मी और तेज धूप लोगों को बीमार कर रही है। संजय गांधी अस्पताल में इस कदर भीड़ बहुत रही है कि उन्हें सम्हालने में ही हाथ पैर फूल रहे हैं। अस्पताल में एक बेड पर डबल मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अस्पताल हाउस फुल चल रहे हैं। मरीजों का दबाव बढ़ गया है।
कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों की हालात खराब, न पानी, न हवा की व्यवस्था
नौतपा में सबसे ज ज्यादा परेशानी कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों की है। भीषण गर्मी इनके हालात खराब है। अधिकारी तो दोपहर को लंच करने के बहाने बंगला चले जाते हैं लेकिन बाबू व छोटे कर्मचारियों का बुरा हाल है। जागरण टीम ने गुरुवार को पुराने कलेक्ट्रेट में संचालित राजस्व न्यायालयों व नए कलेक्ट्रेट भवन के 13 नंबर कमरे का जायजा लिया। यहां केवल पंखे भरोसे कर्मचारी काम कर रहे हैं।
कलेक्ट्रेट के जिला प्रशासन शाखा में लगभग 100 कर्मचारी डियूटी में है वाटर कूलर खराब है फिर भी केवल चार डिब्बा पानी ही मंगाया जा रहा है। यहां भी कूलर नहीं लगाया गया है। पंखे काम नहीं कर रहे। मजबूरी में जान से खेल कर काम कर रहे हैं। पुराने कलेक्ट्रेट की हालात तो बयां करने योग्य ही नहीं है। यहां अधिकांश कक्षों में 50 साल पुराने पंखे लगे हैं जो केवल हिलते हैं चलते नहीं है।
तहसील व एसडीएम कार्यालय होने के कारण पक्षकारों व वकीलों की भीड़ रहती है। मजबूरी में काम करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि किससे कहें कोई सुनने वाला ही नहीं है। एसडीएम न्यायालय को बेंच पर कूलर है लेकिन कर्मचारियों व पक्षकारों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।