रीवा। स्कूलों में उर्दू विषय के शिक्षकों की कमी एक बार फिर सामने आ रही है। पूर्व से पदस्थ रहे उर्दू शिक्षकों को अतिशेष किए जाने की वजह से शिक्षा विभाग के पोर्टल में पद रिक्त नहीं दिखाया जा रहा है। इसलिए यह आपत्ति भी दर्ज कराई जा रही है कि उर्दू विषय के शिक्षकों के पद समाप्त किए जाने की साजिश की जा रही है। इस संबंध में शिक्षक कांग्रेस के पूर्व प्रांत उपाध्यक्ष आबाद खान ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा रीवा शहर में कई स्कूलों में संचालित उर्दू विषय के पद पोर्टल में समाप्त कर दिए गए हैं और वहां पर पदस्थ शिक्षकों को अतिशेष कर दिया गया।
- अतिशेष किए गए शिक्षक
- स्कूलों के उर्दू छात्रों को संस्कृत विषय लेने के लिए कहा जा रहा
जहां छात्र नहीं वहां शिक्षकों की तैनाती
हाल ही में आयोजित की गई काउंसिलिंग में इन शिक्षकों को अन्यत्र विद्यालयों में पदस्थापना कर दी गई है। अधिकांश शिक्षकों की पदस्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में की गई है, जहांं पर उर्दू विषय के छात्र-छात्राएं अध्यनरत नहीं हैं। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल एसके रीवा में उर्दू विषय पढऩे वाली लगभग डेढ़ सौ छात्राएं अध्यनरत हैं। यहां पर 20 वर्षों से पढ़ाने वाले उर्दू शिक्षक को अतिशेष कर 20 किलोमीटर दूर मड़वा में पदस्थापना की गई है। इस विद्यालय में पढऩे वाली छात्राओं को प्राचार्य द्वारा संस्कृत लेने के लिए कहा जा रहा है।
अभिभावक चितिंत कौन पढ़ाएगा ऊर्दू
इस संबंध में छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ कलेक्टर से परेशानी बताई कि तिमाही परीक्षा सितंबर माह में होनी है आगे भी छमाही एवं सालाना परीक्षा में बगैर उर्दू शिक्षक के पढ़ाई के बगैर परीक्षा परिणाम खराब आएगा। इसी तरह गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक 1 में उर्दू शिक्षक निजाम खान की नियुक्ति थी वहां भी छात्र थे। पोर्टल में उर्दू शिक्षक का पद समाप्त कर निजाम खान को अतिशेष कर हाई स्कूल भटलो में पदस्थ किया गया है।गवर्नमेंट स्कूल क्रमांक 2 रीवा में वर्ष 2020 में उर्दू शिक्षक सेवा निवृत्त हो गए, अब तक नियुक्ति नहीं हुई है। इसी तरह कन्या विद्यालय पांडेन टोला, कन्या माध्यमिक शाला, माध्यमिक शाला चोपड़ा स्कूल में भी उर्दू के शिक्षक नहीं हैं। लगातर उर्दू के शिक्षकों की कमी से छात्रों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।