इस बीच, नरेंद्र मोदी की नई सरकार में पार्टी और गठबंधन के बीच मंत्रियों को बनाने को लेकर लगातार बैठकों का सिलसिला जारी है। भाजपा नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के साथ मिलकर एनडीए के साथ-साथ भाजपा कोटे के मंत्रियों के नाम तय करने में लगे हैं। हालांकि अभी तक एनडीए और भाजपा की ओर से मंत्रियों की लिस्ट जारी नहीं की गई है लेकिन पार्टी के भीतर वरिष्ठता और अनुभव के क्रम को ध्यान रखते हुए सत्ता के गलियारों में कयासबाजी जमकर कर चल रही है।
अगर हम समग्र एनडीए गठबंधन की बात करें तो उसमें बीजेपी की 240, टीडीपी को 16, जेडीयू को 12, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7, चिराग पासवान की एलजेपी को 5, जयंत चौधरी के आरएलडी के पास दो, अजित पवार की एनसीपी को एक, अनुप्रिया पटेल के अपना दल को एक, जीतनराम माझी के हम को एक और कुछ सीटें अन्य दलों के पास हैं।
वहीं भाजपा को लोकसभा में अपने दम पर बहुमत पाने से रोकने में सफल रही इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में कांग्रेस को 99 सीटें, समाजवादी पार्टी को 37 सीटें, तृणमूल कांग्रेस को 29 सीटें, डीएमके को 22 सीटें, शिवसेना यूबीटी को 9 सीटें, आम आदमी पार्टी को तीन सीटें, झारखंड मुक्ति मोर्चा को तीन सीटें और कुछ सीटें अन्य दलों ने जीती हैं।
बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से पांच बड़े चेहरे ऐसे हैं, जिनकी मंत्री पद पर बेहद मजबूत दावेदारी बताई जा रही है। इनमें राजनाथ सिंह, अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, जेपी नड्डा और पीयूष गोयल के मंत्री पद की शपथ लेने की अधिक संभावना बताई जा रही है।
राजनाथ सिंह- भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली 10 साल के दो कार्यकाल में मंत्री रहे हैं।
अमित शाह- साल 2014 में भाजपा को बहुमत दिलाने और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में अमित शाह का बहुत बड़ा योगदान है। उनके भाजपा अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने अपने इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुंत हासिल किया था। शाह की अगुवाई में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 में से 71 सीटों पर जीत हासिल की थी। 22 अक्तूबर 1964 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में जन्मे अमित शाह साल 2019 से 2024 तक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री थे।
शिवराज सिंह चौहान- मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान 4 बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह बीजेपी के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता हैं। इसके अलावा वह 6 बार सांसद और 5 बार विधायक रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने अपना पहला चुनाव बुधनी विधानसभा सीट से 1990 में लड़ा था।
जेपी नड्डा- जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 11वें अध्यक्ष और 2020 से राज्यसभा के सदस्य हैं, जो हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। जेपी नड्डा ने पहले 2014 से 2019 तक दूसरे मोदी मंत्रालय में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के संसदीय बोर्ड सचिव के रूप में कार्य किया है।
पीयूष गोयल- पीयूष गोयल तीन बार राज्यसभा सदस्य और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री हैं। वे राज्यसभा में सदन के नेता भी हैं। इससे पहले राज्य मंत्री के रूप में कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभालने के अलावा गोयल ने 5 जुलाई, 2016 से 3 सितंबर, 2017 तक बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान विभागों को भी संभाला था।