Supreme Court: बिना शादी के पैदा हुए बच्चे का होगा माता-पिता की संपत्ति में हक, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
Supreme Court Big Decision: बिना शादी के पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की संपत्ति में बराबर के हकदार हैं।
Supreme Court Big Decision: बिना शादी के पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की संपत्ति में बराबर के हकदार हैं। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च अदालत ने साफ तौर पर कहा है कि फैसला महज हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्तियों पर लागू होगा। यह फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश डीबी चंद्रचूड़ की नेतृत्व वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ में रेवनसिद्धिपा बादाम मल्लिकार्जुन मामले में दो न्यायाधीश की पीठ के निर्णय के संदर्भ में दिया गया था। जिसमें बताया गया था कि सामान्य शादी में पैदा हुए बच्चे संपत्ति के अधिकार होंगे। वह चाहे तो अपने माता-पिता की संपत्ति खुद से बराबर का हिस्सा मांग सकते हैं।
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 16 (3) की व्याख्या के अनुसार अमान्य विवाह से उत्पन्न हुए बच्चों को वैधता प्रदान की जाएगी, किंतु धारा 16 (3) बताती है कि ऐसे बच्चों को महज अपने माता-पिता की संपत्ति विरासत में दी जाएगी और इसके साथ ही पैतृक संपत्ति में किसी भी तरह का अधिकार नहीं होगा।