Rewa News : रीवा शहर वासियों को टैक्स में राहत देने के लिए कांग्रेस तैयार, BJP टैक्स में राहत ना..बा..ना

मेयर इन काउंसिल ने बैठकों में भी सरकार के निर्देशों को मानने से इंकार किया है। साथ ही पूर्व से वसूले जा रहे टैक्स में कटौती का प्रस्ताव रखा है। इस पर नियमों का हवाला देते हुए नगर निगम आयुक्त ने कहा, सरकार ने जो नियम बना दिए हैं, उनके विपरीत कार्य नहीं हो सकता। इस पर सिर्फ मांग रखी जा सकती है। जब तक सरकार की ओर से नए निर्देश जारी नहीं होते, तब तक इसे मानना पड़ेगा।

Surendra Tiwari
Updated on: 25 May 2023 7:03 AM GMT
Rewa News : रीवा शहर वासियों को टैक्स में राहत देने के लिए कांग्रेस तैयार, BJP टैक्स में राहत ना..बा..ना
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रीवा. संपत्तिकर व अन्य टैक्स बढ़ाने को लेकर मामला एक बार फिर नियमों के पेंच में उलझ गया है। एक ओर जहां सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि निगम की आय बढ़ाना है तो टैक्स की दरों में संशोधन के साथ वसूली भी बढ़ानी होगी। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है। वहीं महापौर एवं एमआईसी का तर्क है कि महंगाई के दौर में जनता पर टैक्स का भार बढ़ाया जाना उचित नहीं है।



मेयर इन काउंसिल ने बैठकों में भी सरकार के निर्देशों को मानने से इंकार किया है। साथ ही पूर्व से वसूले जा रहे टैक्स में कटौती का प्रस्ताव रखा है। इस पर नियमों का हवाला देते हुए नगर निगम आयुक्त ने कहा, सरकार ने जो नियम बना दिए हैं, उनके विपरीत कार्य नहीं हो सकता। इस पर सिर्फ मांग रखी जा सकती है। जब तक सरकार की ओर से नए निर्देश जारी नहीं होते, तब तक इसे मानना पड़ेगा।

मेयर इन काउंसिल के सदस्यों और आयुक्त में एक राय न बन पने की वजह से दोनों तरह की स्थितियां स्पष्ट करते हुए परिषद के सामने प्रस्ताव रखने का निर्णय लिया गया है। अब 25 मई को होने वाली परिषद की बैठक में सर्वसम्मति या फिर बहुमत के आधार पर तय होगा कि शहर में किस तरह से कितना टैक्स बढ़ाया जाना है। सरकार से भी टैक्स कम करने के लिए परिषद की ओर से एक सामूहिक रूप से संकल्प प्रस्ताव भी भेजा सकता है। बीते साल शिक्षा उपकर की राशि के साथ ही संपत्तिकर बढ़ाए जाने की वजह से लोगों को समस्याएं हो रही हैं। कई संगठनों ने यह टैक्स कम करने की मांग उठाई है। शहर में यह राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है।


आज परिषद की होगी बैठक

नगर निगम परिषद की बैठक 25 मई को सुबह 11 बजे से परिषद सभागार में स्पीकर व्यंकटेश पाण्डेय की अध्यक्षता में होगी। इसमें पार्षदों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के साथ ही चार प्रमुख एजेंडों पर चर्चा होगी। जिसमें नए सिरे से करारोपण का मामला सबसे अहम है।

एमआइसी सदस्यों ने यह दिया है प्रस्ताव

एमआईसी की ओर से रमा दुबे ने बीपीएल परिवारों को संपत्तिकर में 25 फीसदी छूट देने प्रस्ताव रखा था। खाली भूखंडों में लगने वाला टैक्स समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। वहीं धनेंद्र सिंह बघेल ने शिक्षा उपकर तीन प्रतिशत से कम कर एक प्रतिशत करने की मांग उठाई थी। इन प्रस्तावों को फिलहाल निगम आयुक्त ने मानने से इंकार कर दिया है। कहा, जो नियम के दायरे में हैं उनका पालन होगा। मेयर इन काउंसिल ने अब यह प्रस्ताव परिषद के सामने प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है। जहां सर्व सम्मति से सरकार के सामने प्रस्ताव भेजे जाएंगे। उक्त टैक्सकी दरों पर पुनर्विचार किया जा सके।


कई प्रस्तावों को आयुक्त ने बताया नियम विरुद्ध

संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम

मेयर इन काउंसिल के सदस्यों ने पूर्व से अधिरोपित कर घटाने व नए सिरे से टैक्स न बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। इस पर आयुक्त ने नियमों का हवाला देते हुए कहा, कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर टैक्स निर्धारित होगा। एमआइसी का निर्णय इसमें संशोधन का है, जो नियम विरुद्ध है। इसके अलावा अन्य टैक्स की दरों में वृद्धि का आदेश शासन का है।

इस कारण इसे संशोधित करने का प्रस्ताव उनकी ओर से भेजा जाना नियम विरुद्ध होगा। खाली प्लाटों को भी टैक्स से मुक्त रखने के प्रस्ताव पर आयुक्त ने असहमति दर्ज कराई है। कहा है कि खाली प्लाट में लोग कचरा फेंकते हैं और इनकी सफाई का कार्य निगम को कराना पड़ता है। इस पर भी कमी करने पर असहमति दर्ज कराई गई है।


एमआईसी में कुछ प्रस्ताव ऐसे आए हैं, जो नियमों के अनुसार सही नहीं हैं। परिषद में इसे रखा जाएगा, वहां के निर्णय से शासन को अवगत कराएंगे। आगे जैसा निर्देश आएगा उसके अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी। संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम


महापौर ने टैक्स घटाने का किया है वादा

महापौर अजय मिश्रा


महापौर अजय मिश्रा ने चुनावी घोषणा-पत्र में टैक्स कम करने की बात कही थी। उनके निर्वाचन के कुछ समय पहले ही प्रशासक ने टैक्स बढ़ा दिए थे। कई माह तक वह इसे ही कम करने के प्रयास में रहे।

अब सरकार ने फिर नए सिरे से टैक्स की दरें बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस पर महापौर ने कहा, वह अपने स्तर पर टैक्स नहीं बढ़ने देंगे। सरकार जबरदस्ती टैक्स बढ़ाएगी तो इसका खामियाजा सरकार को भोगना पड़ेगा। कहा, उनकी ओर से कई बार टैक्स कम करने के संबंध में प्रयास किए गए हैं।

Vindhya Bhaskar

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