UPSC : पिता की इच्छा पूरी करने स्वाति ने शुरू की यूपीएससी की तैयारी, मिली 15वीं रैंक

उपलब्धि: उचेहरा के भटनवारा की हैं स्वाति, बतौर आइएएस शिक्षा और महिलाओं की स्थिति में सुधार लाना चाहती हैं

Vindhya Bhaskar
Published on: 24 May 2023 7:21 AM GMT
UPSC : पिता की इच्छा पूरी करने स्वाति ने शुरू की यूपीएससी की तैयारी, मिली 15वीं रैंक
X
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo

SATNA : उचेहरा के भटनवारा की बेटी ने यूपीएससी परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल कर सतना को गौरवान्वित किया है। स्वाति का यह तीसरा प्रयास था। उन्होंने बताया, मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन पापा चाहते थे मैं आइएएस बनूं। चिंतन किया तो मुझे भी समझ आया कि आइएएस बनकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। बस इसी उद्देश्य से तैयारी शुरू की। दो बार असफल रही, लेकिन हार नहीं मानी। देशभर में 15वां स्थान माता-पिता के सहयोग के बिना संभव नहीं था। स्वाति के पापा मैहर में ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं। उनके दादा जबलपुर कलेक्ट्रेट में लिपिक रहे। उनकी स्कूली शिक्षा जबलपुर से हुई है। पीसीएम में इंटर के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद तैयारी शुरू की। कहा, बतौर अधिकारी एक इंसान का भी भला कर पाई तो मेरा जीवन सफल होगा।


स्वाति शर्मा



तीसरी बार में सफलता

स्वाति पहले भी इंटरव्यू दे चुकी हैं, लेकिन मेरिट में नाम नहीं आया। लिहाजा, इस बार खामियों में सुधार किया। मसलन, मेन्स में आंसर राइटिंग व कम्यूनिकेशन इंप्रूव किया। पहले मालूम होने के बाद भी उत्तर सही तरीके से प्रस्तुत नहीं कर पाती थी, लेकिन इस पर मेहनत की और सफल हुई।

मम्मी का सपोर्ट

स्वाति ने बताया कि उनकी तैयारी को लेकर मम्मी पापा दोनों का बराबर सपोर्ट रहा है। लेकिन पापा काम के कारण उतना सपोर्ट नहीं कर पाते थे जितना मम्मी करती थी। पिछली बार जब सलेक्शन नहीं हुआ तो मम्मी ने काफी समझाया। वे हमेशा मेरे साथ रही और दिल्ली तक साथ आती थीं।

मेहनत करते रहें

यूपीएससी की तैयारी करने वालों को उनका कहना है कि मेहनत करते रहें। मेहनत का फल मिलता है। कई बार डाउट होता है कि नहीं कर सकते, लेकिन हार नहीं मानना है। एक दिन सफलता मिलेगी।

शिक्षा होगी प्राथमिकता

कलेक्टर बनने पर पसंदीदा क्षेत्र स्वाति ने शिक्षा को बताया। कहा, इससे ही लोग आगे बढ़ सकते हैं। सोसायटी में बदलाव लाया जा सकता है। दूसरों को भी मोटीवेट कर सकते हैं। स्वाति गरीब और महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हैं। वे कहीं पर महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा देखती थीं तो सोचती थीं कि काश कुछ कर पाते, लेकिन इसके लिए अधिकार चाहिए थे।

Vindhya Bhaskar

Vindhya Bhaskar

Next Story