नई दिल्ली: भारत सरकार ने सोमवार को 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिनमें कई प्रमुख मीडिया हाउस जैसे डॉन न्यूज, जियो न्यूज, समा टीवी और एआरवाई न्यूज शामिल हैं। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह प्रतिबंध लगाया गया, जिसमें इन चैनलों पर “उत्तेजक और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री” और “भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भ्रामक कथन” फैलाने का आरोप लगाया गया है।
पहलगाम हमले को भारत ने पाकिस्तान से जुड़ा हुआ माना है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। भारत ने इस घटना के जवाब में कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को रद्द करना और पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को अवांछित घोषित करना शामिल है।
रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री की 40 मिनट की बैठक
सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह 40 मिनट की एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें पहलगाम हमले के बाद की स्थिति और भारत की जवाबी कार्रवाइयों पर चर्चा हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को और सख्त करना और सीमा पर बढ़ते तनाव को संबोधित करना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा है कि इस हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को “ऐसी सजा दी जाएगी, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते।” उन्होंने पाकिस्तान को “आतंक का गढ़” करार देते हुए इसे ध्वस्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर अडिग है और हर आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देगा।
पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध
प्रतिबंधित चैनलों में कई लोकप्रिय पाकिस्तानी न्यूज चैनल और व्यक्तिगत क्रिएटर्स शामिल हैं, जैसे वसी हबीब और शोएब अख्तर। गृह मंत्रालय ने इन चैनलों पर भारत विरोधी प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया है। सूत्रों का कहना है कि ये चैनल पहलगाम हमले के बाद भारत की सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भ्रामक कथानक फैला रहे थे, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
सोशल मीडिया पर भी इस कार्रवाई को समर्थन मिल रहा है। एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तानी चैनल भारत में फर्जी खबरें फैला रहे थे और उनके डीप स्टेट प्रोपेगेंडा को बढ़ावा दे रहे थे। यह डिजिटल स्ट्राइक जरूरी थी।”
पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है और पहलगाम हमले को भारत द्वारा “मंचित” करार दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहा है और इस हमले का इस्तेमाल अपनी घरेलू राजनीति के लिए कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की और कहा कि पाकिस्तान किसी भी “तटस्थ और पारदर्शी जांच” में सहयोग करने को तैयार है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी शनिवार को कहा कि वह एक “तटस्थ और विश्वसनीय जांच” के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि पाकिस्तान किसी भी “साहसिक कदम” का जवाब देने के लिए तैयार है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही दोनों देशों की सेनाएं नियंत्रण रेखा (LoC) पर आमने-सामने हैं। भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया है और भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटने की सलाह दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है।