Radha Rani: श्रीकृष्ण दिवानी राधारानी को लेकर दो संतो का विवाद… प्रेमानंद महाराज हुए आक्रोशित बोले, नर्क में जाएंगे प्रदीप मिश्रा

विंध्य भाास्कर डेक्स। श्रीकृष्ण दिवानी राधारानी को लेकर प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने दिल्ली में आयोजित कथा के दौरान श्रीराधा रानी का बरसाना में कोई भी आस्तित्व नहीं होने और श्री राधा को कृष्ण से अलग करने के बयान के बाद संत प्रेमानंद आक्रोशित है। इसके साथ ही पूरे मथुरा में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है।

  • श्रीकृष्ण दिवानी राधारानी पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के विवादास्पद टिप्पणी से प्रेमानंद जी महाराज काफी नाराज हो गए हैं. उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा को कहा है कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता.

श्रीकृष्ण दिवानी राधारानी पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के विवादास्पद टिप्पणी से प्रेमानंद जी महाराज काफी नाराज हो गए हैं. उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा को कहा है कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता. प्रेमानंद जी महाराज इतना गुस्सा हैं कि उन्होंने यह तक कह दिया कि हमे गाली दो तो चलेगा, लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, अवहेलना करोगे तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे.

पंडित प्रदीप मिश्रा का राधारानी पर टिप्पणी
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा कि राधाजी बरसाना नहीं, बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं. बरसाना में उनके पिता की कचहरी थी. वहां पर वे साल में एक बार जाती थी. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार रानियों में राधा का नाम नहीं है. उनके पति में श्रीकृष्ण का नाम नहीं है. राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद कुटिला थीं. छात्रा गांव में राधाजी की शादी हुई थी. पंडित प्रदीप मिश्रा की इस टिप्पणी के बाद से ही राधारानी के प्रेम रस में डूबे रहने वाला संत समाज क्रोधित हो गया है.

बता दें कि बुधवार का कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को एक वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट हो रहा है। इसमें उन्होनें कहा कि श्रीकृष्ण दिवानी राधारानी का बरसाना से कोई नाता नहीं है वह साल में एक बार ही वहां जाती थी। इसके साथ ही उन्होने राधा व कृष्ण के संबंधो पर सवाल उठाए है।

इस बयान के बाद राधारानी उपासक प्रेमानंद महाराज ने गहरी आपत्ति जताई है। उन्होनें प्रदीप मिश्रा को लेकर कहा है कि वह राधारानी को लेकर जो बातें बोल रहें है वह अज्ञानता के कारण है इसके लिए वह बरसाना आकर राधारानी से मांफी मांगे नहीं तो उन्होंने नर्क में स्थान नहीं मिलेगा।

किस बात का प्रवचन करता है? जब तुझे ब्रह्म तत्व का बोध नहीं. चराचर जगत में देखने वाले भगवान महाभागवत कहे जाते हैं और तू भागवत का प्रवचन करता है. भगवान की निंदा करता है. श्रीजी की अवहेलना की बात करता है. कहते हैं कि वे इस बरसाने में नहीं हैं. अभी सामना पड़ा नहीं संतों से. तू चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पूजवाता है, तो समझ लिया है कि तू बड़ा भागवताचार्य है.

श्रीजी को तू जान जाएगा? जो ब्रह्मा और शंकर के ध्यान में भी नहीं आने वाली हैं, वह हमारी लाडली जी हैं. रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुम ने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है. अभी तो रस ग्रंथों में प्रवेश ही नहीं हुआ है. चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए. तुम नरक जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर कह रहा हूं.

‘तुम्हें हम कहीं का नहीं छोड़ेंगे’
प्रेमानंद जी महाराज इतना गुस्सा हैं कि उन्होंने यह तक कह दिया कि हमे गाली दो तो चलेगा, लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, अवहेलना करोगे तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें हम कहीं का नहीं छोड़ेंगे. तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे.

यह नहीं समझा जाए कि भगवान के भक्तों में शक्ति नहीं है. अनंतशक्ति संपन्न भगवान का दासत्व स्वीकार किए. पर वो एक मार्ग है, जहां एक शर्त रखी गई कि किसी भी शक्ति या सिद्धि का प्रयोग किया तो इस मार्ग से हट जाओगे, इसलिए चुप, मिट भले जाएं, गाली भले खा लें, सब कुछ सहकर सीधे प्रभु के प्राप्ति के मार्ग पर चलते हैं.

  • ऐसे कथा वाचक से लोग बचे
    प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि ऐसे कथा वाचक को लोग श्रीमद भागवत कथा के लिए बुलाते है। जो भागवत को समझ नहीं पाए है ऐसे कथा वाचकों के कथा सुनने से कोई भी फल प्राप्त नहीं होगा। लोगों को ऐसे कथा वाचक से बचना चाहिए।