नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर आवारा कुत्तों की समस्या पर अपने 11 दिन पुराने आदेश में बड़ा संशोधन करते हुए शुक्रवार को कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में केवल रेबीज ग्रस्त व आक्रामक कुत्तों को ही शैल्टर होम में रखा जाए। बाकी आवारा कुत्तों को नसबंदी व टीकाकरण तथा कीड़ानाशक दवा देने के बाद उसी स्थान पर छोड़ा जाए जहां से उसे पकड़ा गया था। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया ने दो जजों के फैसले के खिलाफ याचिका पर यह निर्देश दिए। दो जजों की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शैल्टर होम में भेजने के निर्देश दिए थे। डॉग लवर्स और पशुप्रेमियों ने इसका विरोध करते हुए याचिका दायर की थी। तीन जजों की बेंच ने कहा कि उपचारित और टीकाकृत कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने का निर्देश बहुत कठोर प्रतीत होता है। बेंच ने दो जजों की बेंच के कई निर्देशों को यथावत भी रखा है। यह आदेश पूरे देश में लागू होगा।
राज्यों को नोटिसः बेंच ने मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर से आगे बढ़ाकर पूरे देश में लागू कर दिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों और नगर निगमों के सचिवों को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के अनुपालन के लिए पक्षकार बनाया है। बेंच ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए हाईकोर्टों में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में मंगाएगा।
- ये भी दिए निर्देश
स्थानीय निकाय विशेष हैल्पलाइन बनाएंगे जहां कोर्ट के आदेश के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर कार्रवाई हो।
कोर्ट के आदेश पर अमल से रोकने वाले व्यक्ति या संगठन पर सरकारी कामकाज में बाधा का मुकदमा
अदालत के इस आदेश के खिलाफ चुनौती देने वाले डॉग लवर को 25000 रुपए और एनजीओ को दो लाख रुपए कोर्ट में जमा कराने होंगे। यह राशि पशु कल्याण पर खर्च होगी।
डॉग लवर आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए नगर निगम में अर्जी दे सकेंगे। उन्हें टैग लगाकर कुत्ता दिया जाएगा। उनकी यह जिम्मेदारी होगी कि वह कुत्ता सड़क पर नहीं आए।
मेनका गांधी खुश
मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। स्थानांतरण और डर ही कारण हैं। कोर्ट ने यह तय नहीं किया कि आक्रामक कुत्ता क्या है? फीडिंग जोन बनाने का आदेश अच्छा है।
मेनका गांधी, पशु अधिकार कार्यकर्ता
हर जगह खिलाने पर रोक, फीडिंग जोन बनाएं
बेंच ने आवारा कुत्तों को सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर कुछ खिलाने पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसा करने पर कार्रवाई की जाएगी। निर्देश दिए कि हर ब्लॉक में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग से फीडिंग स्पेस खोले जाएं और निर्धारित जगह पर ही
खाना दिया जाएगा। फीडिंग जोन के लिए बाकायदा बोर्ड लगाए जाएंगे। यह फीडिंग जोन क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या के हिसाब से बनाए जाएंगे। कोर्ट ने माना कि सड़कों पर खाना देने से कुत्तों का आकर्षण बढ़ता है, जिससे आम लोगों को खतरा होता है।