रीवा। कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने जनपद त्योंथर के 62 तत्कालीन सरपंचों से 1 करोड़ 37 लाख 35 हजार 316 रुपए वसूलने का फरमान तहसीलदार त्योंथर को जारी किया है तथा इस कार्य के लिए 7 दिवस की समयसीमा निर्धारित की है। कलेक्टर रीवा ने तहसीलदार त्योंथर को आगाह किया है कि म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के अंतर्गत कलेक्टर न्यायालय एवं विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा युक्तयुक्त सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए सुनवाई की गई।
तत्पश्चात् धारा 92 के तहत भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूली किए जाने हेतु आदेश पारित किए गए थे, जिसकी प्रति आपको पूर्व में ही प्रेषित की जा चुकी है, साथ ही अधिरोपित राशि की वसूली किए जाने का लेख किया गया था किन्तु आपके द्वारा संबंधित दोषियों से वसूली की कार्यवाही नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सरपंचों से राशि वसूली के संदर्भ में तहसीलदार त्योंथर की ओर सीईओ जिला पंचायत रीवा द्वारा 1 फरवरी 2022, 21 मार्च 2022 एवं 10 अगस्त 2022 के दिनांकित पत्र तथा कलेक्टर (पंचायत) के पत्र दिनांक 10 जुलाई 2024 एवं सीईओ जिला पंचायत रीवा के पत्र दिनांक 30 अगस्त 2024, 25 नवम्बर 2024, 25 मार्च 2025, 9 जून 2025 एवं 21 अगस्त 2025 के द्वारा लेख किया जा चुका है किन्तु वसूली की कार्यवाही लब्धे शून्य है। तत्कालीन सरपंच 1 करोड़ 37 लाख से अधिक की शासकीय निधि हजम करके बैठे हुए हैं। कलेक्टर रीवा ने तहसीलदार त्योंथर को 29 अक्टूबर को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि संबंधितों से 7 दिवस में राशि वसूल कर जिला पंचायत रीवा के नोडल खाते में जमा कराया जाना सुनिश्चित करें।
भू-राजस्व की बकाया की भाति वसूली का आदेश
कार्यालय कलेक्टर (पंचायत) जिला रीवा से जारी पत्रानुसार जनपद त्योंथर की ग्राम पंचायत क्रमशः के कोरांव की सरपंच श्रीमती सियावती साकेत से 1532790, गोंदखुद सरपंच श्रीमती कलावती आदिवासी से 102500, फरहदी सरपंच श्रीमती देवकली से 86037, टंगहा सरपंच श्रीमती बिटोल से 440650, कमलेश कुमारी से 173193, रेखा देवी से 393493, चौखड़ा सरपंच मोतीलाल से 139045, पन्नालाल से 640469, मझिगवां सरपंच श्रीमती मोईली से 500481, कुठिला सरपंच गंगाधर से 686022, अमाव सरपंच श्रीमती रतन देवी से 224000, छंगूलाल कोरी से 247954,
डाढ़ाकला सरपंच श्रीमती गायत्री देवी से 329500, लालजी कोल से 51979, गंगतीरा सरपंच शिवदुलारे यादव से 17428, पड़िवार सरपंच श्रीमती उमेश कली से 12482, श्रीमती विद्यावती तिवारी से 25000, जमुई सरपंच श्रीमती सुनीता त्रिपाठी से 19592, गोंदकला सरपंच श्रीमती निर्मला देवी से 528642, झोंटिया सरपंच श्रीमती शिवराजकली साहू से 365917, तुकागोंदर सरपंच कुसुमकली से 103123, परसिया सरपंच कामता प्रसाद से 182765, पनासी सरपंच श्रीमती आशा सिंह से 231266, गढ़ी सरपंच श्रीमती सरिता देवी से 9157, बरेठी कला सरपंच प्रभुनाथ से 62694, सोहरवा सरपंच बुद्धिमान से 25000, रेही सरपंच रामाश्रय से 540935, रिसदा सरपंच सुरसरी प्रसाद से 108552,
खाम्हा सरपंच संगमलाल कोल व लालमणि से 87952, पुरवा मनीराम सरपंच ज्ञान प्रकाश तिवारी से 109996, अंजोरा सरपंच रामगरीब कोल से 89948, दुआरी सरपंच कौशिल्या कोल से 43763, डीह सरपंच अंजना सिंह से 152402, बनवारी लाल से 62800, सूती सरपंच संतोष देवी से 149814, नौबस्ता सरपंच कौशिल्या आदिवासी से 116732, पटहट सरपंच शैल कुमारी कुर्मी से 410500, बरुआ सरपंच कौशिल्या कोल से 940303, बुदामा सरपंच रामाश्रय से 150945, घटेहा सरपंच रामधनी से 282721, सत्यभामा से 321056, रामजी यादव से 194415, पंछा सरपंच सूर्यकली से 24034, संतलाल कोल से 101080, ढखरा सरपंच मुन्नीलाल कोल से 40000, लक्षिमिनिया से 223258, डोडकिया सरपंच निर्मला देवी से 87809, कुसुमकली से 190188, चन्दपुर सरपंच मौजीलाल से 158461,
रामकृपाल से 233472, कोनिया कला सरपंच रामनरेश से 120533, अजोरा सरपंच गुलसबा बेगम से 57925, रिसदा सरपंच छविलाल कोल से 32361, सरुई सरपंच गुलाबचन्द्र यादव से 102000, सूती सरपंच संतोष देवी से 149814, सोहागी सरपंच श्रीमती गीता आदिवासी से 97724, घटेहा सरपंच रामजी यादव से 365000, कोटरा कला सरपंच श्रीमती सरस्वती सिंह से 149581, रेही सरपंच रामाश्रय हरिजन से 565526 एवं देउपा कोठार सरपंच रावेन्द्र सिंह से 39437 रुपए की वसूली किया जाना है। उपर्युक्त सभी सरपंच तत्कालीन हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है।
नाकामी का कत्थक आखिर क्यों
गौरतलब है कि अकेले त्योंथर ही नहीं बल्कि रीवा-मऊगंज जिले के समस्त जनपदों की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में शासकीय निधि का भयंकर दुरूपयोग हो रहा है। सरपंच के साथ-साथ सचिव और ग्राम रोजगार सहायक भी कागजों में ग्रामीण विकास का प्रचण्ड पुरुषार्थ करते आए हैं और अब भी कर रहे हैं। दीगर बात है इनको अपने स्वयं के विकास में कोई बाधा, अवरोध एवं समझौता मंजूर नहीं होता है। समझ से परे बात है कि जब तत्कालीन सरपंचों से वसूली का आदेश हो चुका है तब उनसे वसूली करने के मामले में नाकामी का कत्थक क्यों किया जा रहा है?
 

 
 
 
 
 
 
 
 
