ED ने राजस्थान में छापेमारी तेज कर दी है हालांकि केंद्रीय एजेंसी ने 1 सितंबर को जल जीवन मिशन हजम से संबंधित कुछ परियोजनाओं को शामिल किया है हालांकि अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ तलाशी शुरू कर दी है जिसमें 2.03 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया है और वही सोने की ईद को भी जब्त किया गया है। छापेमारी श्रेय ED को जाता है। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी के माध्यम से यह मामला पूरा उजागर किया गया है।
पहले से ही ED कई राज्यों में छापेमारी कर रही है हालांकि कई राज्यों के काले कारनामों को उजागर किया है जांच पूरी तरह से दुरुस्त तरीके से हो रही है। हालांकि राजस्थान में कांग्रेस विरोधी वर्ग पूरी उम्मीद लगा रहा है कि ED इसकी गहराई से जांच करें ज्यादा से ज्यादा भ्रष्टाचार को उजागर करें ताकि राजनीतिक पार्टियों को इसका सही फायदा मिल सके हालांकि राजनेताओं की गलत कामयाबी को पता लगाना एड का एक कर्तव्य है। राजस्थान में सत्ता के गलियारों कुछ विभागों में बड़े-बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की चर्चाएं जो दूसरों से चल रही हैं परंतु देखना बाकी है कि एड छापे कुछ बड़ा खुलासा कर पाती है या नहीं जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
एसीबी ने कुछ संदिग्धों को रंगे हाथों पकड़ा, जिससे आरोपी ठेकेदारों द्वारा हरियाणा से पाइप चुराकर राजस्थान में इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ। JJM में राजस्थान पिछड़ गया है. मुख्य रूप से निविदा दस्तावेजों पर काम करने में लंबा समय लगने के कारण परियोजना शुरू करने में बहुत धीमी गति थी।
हाल के महीनों में ही झामुमो के काम में तेजी आयी है.JJM निविदाओं के बारे में शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का दावा है कि भ्रष्टाचार 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के ठेकों से भी आगे है, जिसकी ईडी ने जांच शुरू कर दी है, और जेजेएम केवल उन परियोजनाओं में से एक थी जिसे राज्य में कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था।
कथित तौर पर पैसे चुराने के लिए इसका इस्तेमाल करने की कोशिश की गई है।हाल ही में जिन संदिग्धों पर छापे मारे गए उनमें से कुछ पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के करीबी बताए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि जांच एजेंसियां अपना काम निष्पक्षता से करेंगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।
ED छापेमारी के तौर पर सबका ध्यान एकत्रित कर रही है हालांकि अगस्त के महीने में एजेंसी ने राइफल्स उदयपुर द्वारा प्रभावित एक होटल पर छापामारी की थी पिछले दिनों रायपुर में मालिकों के दूसरे होटल पर मौत की तलाशी की गई थी उसमें उदयपुर होटल का मालिक अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के करीबी माने जाते हैं। हालांकि अब तक जांच वैभव हुआ की ओर से किसी भी गलत काम और इशारा नहीं मिला है।