काकीनाडा/विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात ‘मोंथा’ के भयंकर प्रभाव की शुरुआत हो चुकी है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि यह निम्न दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है और आज शाम या रात तक काकीनाडा के पास तट से टकराने की आशंका है। इस संभावित भीषण चक्रवाती तूफान को देखते हुए, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सभी सुरक्षा परामर्शों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
चक्रवात ‘मोंथा’: गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका
चक्रवात ‘मोंथा’ की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान आज शाम या रात में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, विशेष रूप से काकीनाडा के पास, एक भीषण चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) के रूप में आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है।
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने पुष्टि की है कि चक्रवात ने तट से टकराना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया, “पिछले छह घंटों में चक्रवात 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा है और यह मंगलवार सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।”
चक्रवात ‘मोंथा’ का केंद्र अब विशाखापत्तनम से लगभग 560 किलोमीटर की दूरी पर था। जैसे-जैसे यह जमीन के करीब आ रहा है, तटीय जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
परिवहन पर भारी असर: दक्षिण मध्य रेलवे ने 72 ट्रेनें रद्द कीं
चक्रवात ‘मोंथा’ के कारण उत्पन्न होने वाले संभावित खतरे और तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं के पूर्वानुमान को देखते हुए, रेलवे यातायात पर भारी असर पड़ा है। दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) ने 28 और 29 अक्टूबर को चलने वाली 72 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और रेलवे ट्रैक पर किसी भी बड़े नुकसान से बचने के लिए लिया गया है।
- चक्रवात मोंथा को देखते हुए दक्षिण मध्य रेलवे ने 72 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है।
चक्रवात से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में कई जगहों पर असर पड़ने की आशंका है, इसलिए साउथ सेंट्रल रेलवे (एससीआर) ने 28 और 29 अक्टूबर को चलने वाली ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। इसके 28 अक्टूबर की शाम को मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाड़ा के पास, एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में पहुंचने की आशंका है। 29 अक्टूबर तक तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं के पूर्वानुमान को देखते हुए, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे इस दौरान तभी यात्रा करें जब बहुत जरूरी हो।
यात्रियों को सलाह: रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे रद्द की गई ट्रेनों की सूची की जाँच करें और बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा करें। चक्रवात से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में कई जगहों पर व्यापक असर पड़ने की आशंका है, जिसके कारण इन तीनों राज्यों से गुजरने वाली ट्रेनों को एहतियाती तौर पर कैंसिल किया गया है।
प्रशासनिक तैयारी और हाई अलर्ट
चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश का पूरा प्रशासनिक तंत्र हाई अलर्ट पर है। सभी संबंधित विभाग और एजेंसियाँ समन्वय से काम कर रही हैं ताकि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।
पुनर्वास और निगरानी
पुनर्वास केंद्र: APSDMA ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए 180 पुनर्वास केंद्र तैयार रखे हैं, जहाँ उन्हें सुरक्षित रूप से पहुँचाया जा रहा है।
ड्रोन निगरानी: मौसम की निरंतर और वास्तविक समय की निगरानी के लिए 24 ड्रोन तैनात किए गए हैं, ताकि चक्रवात की दिशा और तीव्रता का सटीक आकलन किया जा सके।
स्थानीय स्तर पर तैयारी
एनटीआर जिला: एनटीआर जिले के जिलाधिकारी जी. लक्ष्मीशा ने बताया कि जिले के सभी विभाग हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
विजयवाड़ा में निकासी: विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त एसवी राजशेखर बाबू ने बताया कि पुलिस विभाग पूरी तरह तैयार है। स्थिति पर नजर रखने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
42 ड्रोन तैनात: वास्तविक समय के आकलन के लिए विजयवाड़ा पुलिस ने भी 42 ड्रोन तैनात किए हैं।
360 घरों की निकासी: पुलिस ने एहतियात के तौर पर 360 घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला है, जो निचले या अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित हैं।
प्रत्येक वार्ड सचिवालय में अधिकारी तैनात किए गए हैं ताकि स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया जा सके और लोगों तक त्वरित सहायता पहुँचाई जा सके।
क्षेत्रीय प्रभाव: भारी बारिश और जनजीवन अस्त-व्यस्त
चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव से तटीय जिलों में पहले से ही भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाएं चली हैं।
सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त: कई स्थानों पर सड़कों पर पानी भर गया है और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
चित्तूर जिले में लगातार बारिश: चित्तूर जिले के नागरी निर्वाचन क्षेत्र में चक्रवात के प्रभाव के कारण पिछले चार दिनों से लगातार मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है।
प्रशासन तटीय क्षेत्रों के निवासियों से अनुरोध कर रहा है कि वे घरों के अंदर रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सुरक्षा परामर्श का पालन करें। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है, और तटीय क्षेत्रों में सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है।
चक्रवात के तट से टकराने के बाद आगामी 24 घंटों में स्थिति सबसे अधिक गंभीर रहने की आशंका है, जिसके लिए सभी एजेंसियां अंतिम चरण की तैयारियों में जुटी हैं। सरकार का मुख्य ध्यान जीरो कैजुअल्टी (शून्य हताहत) सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
