Kishan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पदभार संभाल लिया. पदभार संभालने के बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान निधि की 17वीं किस्त जारी करने की अपनी पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए. पीएम मोदी के पहले फैसले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे PR बताया.
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जयराम रमेश ने कहा, यदि वह वास्तव में किसानों के कल्याण को लेकर चिंतित होते, तो वह ये पांच चीजें करते. 1- सही दाम – एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन फॉर्मूले वाली. 2- कर्ज मुक्ति – कर्ज माफी प्लान प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परमानेंट आयोग. 3- बीमा भुगतान का सीधा ट्रांसफर. 4- किसानों के सलाह से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी. 5- जीएसटी-मुक्त खेती.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, एक तिहाई प्रधानमंत्री का हेडलाइन मैनेजमेंट और PR अभियान तीसरे कार्यकाल के पहले दिन से फिर शुरू हो गया है. इस बात को लेकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली फ़ाइल पर हस्ताक्षर पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त प्रदान करने के लिए किया है, लेकिन आप क्रोनोलॉजी समझिए…
एक तिहाई प्रधानमंत्री का हेडलाइन मैनेजमेंट और PR अभियान तीसरे कार्यकाल के पहले दिन से फिर शुरू हो गया है। इस बात को लेकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली फ़ाइल पर हस्ताक्षर पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त प्रदान करने के लिए किया है। लेकिन आप जरा… pic.twitter.com/0OZpu9z3Xf
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 10, 2024
जयराम रमेश ने लिखा, पीएम किसान निधि की 16वीं किस्त जनवरी 2024 में मिलने वाली थी, लेकिन प्रधानमंत्री को चुकी चुनावी लाभ लेना था, इसलिए इसमें एक महीने की देरी हुई. उन्होंने लिखा, पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त अप्रैल/मई 2024 में मिलने वाली थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इसमें देरी हुई.
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ऐसे में एक तिहाई प्रधानमंत्री ने इस फ़ाइल पर हस्ताक्षर करके किसी पर बहुत बड़ा उपकार नहीं किया है. ये उनकी अपनी ही नीति के मुताबिक़ किसानों के वैध अधिकार हैं. उन्होंने सामान्य और नियमित रूप से होने वाले प्रशासनिक निर्णयों को लोगों को दिए जाने वाले बड़े उपहार के रूप में प्रचारित करने की आदत बना ली है. जाहिर है, वह अब भी ख़ुद को जैविक नहीं, बल्कि दैवीय शक्ति मानते हैं.