REWA NEWS। जिले के शासकीय तालाबों में अतिक्रमण नहीं हटाने को लेकर दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने तालाबों से अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन की कार्रवाई पर अंसतोष जाहिर करते हुए इस माह तक सभी तालाबों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट ने साफ कहा कि इसमें 2014 से रीवा में कलेक्टर रहने वालों पर अवमानना का मुकदमा चलेगा। इनमें तत्कालीन कलेक्टर एसएन रूपला, राहुल जैन, प्रीति मैथिल, ओपी श्रीवास्तव, वंसत कुर्रे, इलैया राजा, मनोज पुष्प और वर्तमान कलेक्टर प्रतिभा पाल शामिल है।
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2014 से रीवा कलेक्टर रहने वाले सभी की मांगी सूची
बता दें कि जिले में तालाबों की स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है। अधिकांश तालाब अतिक्रमण के दायरे में आ गए हैं। इनमें ऐसे लोगों का कब्जा है, जिनके विरुद्ध कार्रवाई कर पाने में प्रशासन भी दबाव महसूस कर रहा है। तालाबों को संरक्षित करने के लिए कई लोगों ने आवाज उठाई है। इसे लेकर अधिवक्ता नित्यांनद मिश्रा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कोर्ट ने तालाबों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद अतिक्रमण तालाबों से नहीं हटने पर अवमानना याचिका दायर की। इसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि इस महीने के अंत तक सभी तालाबों से अतिक्रमण हटाए।
ऐसा नहीं होने पर 2014 के बाद रीवा में पदस्थ रहे सभी कलेक्टर पर अवमानना का मुकादमा चलेगा।
- 21 तालाब निजी स्वामित्व में चले गएजिले में 21 तालाब ऐसे हैं जो निजी स्वामित्व की भूमि में परिवर्तित हो गए हैं। पूर्व में प्रशासन द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक हुजूर तहसील में सात, रायपुर कर्चुलियान में 9, गुढ़ में 13, मनगवां और सिरमौर तहसीलों में एक-एक तालाब शामिल हैं।
प्रशासन की नजर में 35 तालाबों में है कब्जा विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि रीवा जिले में केवल 35 तालाबों में अतिक्रमण है। जिसमें हुजूर तहसील के तीन, सिरमौर के दो, त्योथर के 19 एवं मऊगंज के 11 तालाब शामिल हैं। जबकि प्रशासन के इस दावे के उलट मनगवां, रायपुर कर्चुलियान, हुजूर, सेमरिया आदि के कई मामलों में ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त आदेश जारी कर कार्रवाई की बात कही है।
नौ वर्ष पहले दायर की गई थी याचिका
वर्ष 2014 में शहर के बेलौहन टोला निवासी श्यामनंदन मिश्रा की ओर से याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने बताया कि उस दौरान तत्कालीन प्रशासन को कार्रवाई का निर्देश हुआ था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण अवमानना याचिका दायर की गई है।
इसी की नोटिस पर बीते महीने प्रशासन ने कोर्ट में एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर रीवा जिले के ब्लाकवार तालाबों की स्थितियों को बताया था। प्रशासन ने जिले में 21 तालाबों पर पूरी तरह से अतिक्रमण माना है। इसमें 13 पर कार्रवाई की गई है। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है सभी अतिक्रमण हटाए जाएं। 210 तालाबों में आंशिक अतिक्रमण माना गया है।
समाजिक कायर्कर्ता बी.के.माला ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के तलाब समाप्त हो चुके हैं। चाहे वह रीवा का ललपा, दल सागर तालाब हो या फिर मनगवां का मलकपुर। मनगवां के मलकपुर तलाब में बडी-बडी इमारते खडे किये जा रहें हैं। तालाब को संरक्षित को संरक्षित करने की बजाय तालाब की भूमि में स्कूल, कॉलेज, कृषि मंडी, हॉस्पिटल, तहसील, नल-जल योजना का प्लांट, आईटीआई, लकडी का टाल बने हुये है। बी.के.माला ने कहा कि रायपुर कर्चुलियान के दल सागर तालाब में कभी मवेसी पानी पीते थे लेकिन आज प्रशासनिक उपेक्षा के कारण तालाब अपने अस्तित्व की तलाश कर रहा हैं।
जब तलाब ही नही ताे ‘ जल गंगा संवर्धन अभियान ‘ का प्रयोजन क्योंं
जिले में जब तालाब खत्म होते जा रहे हैं ऐसे में जल गंगा संवर्धन अभियान कितना मायने रखता है। तालाब खत्म हो रहे हैं और निदयां सूख रही हैं।