किसान आंदोलन के कारण पैसेंजर ट्रेनें ही नहीं ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर संचालित की गई स्पेशल ट्रेनें भी बीच रास्ते अटकने लगी हैं। वहीं, इनमें से कुछ का संचालन ही नहीं हो पाया है।
लंबी दूरी की रोजाना चलने वाली ट्रेनों की जानकारी तो देर-सवेर यात्रियों तक तो पहुंच रही है।
लेकिन स्पेशल ट्रेनों की जानकारी खुद सहयोग केंद्र पर बैठे कर्मचारियों को नहीं है कि ट्रेन कब आएगी और बीच रास्ते में कहां खड़ी हैं।
दरअसल रेलवे ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों के संचालन की योजना तैयार की थी, जिससे भीड़भाड़ वाले रेल मार्गों पर सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिल सके। लेकिन रेलवे की इस योजना पर किसान आंदोलन ने पानी फेर दिया है। किसान आंदोलन के कारण पहले जहां स्टेशन पर 300 से अधिक ट्रेनों का आवागमन होता था।
ये ट्रेन पटरी पर नहीं दौड़ीं
ट्रेनों के संचालन की तारीख निर्धारित होने के बाद भी यह ट्रेनें पटरी पर नहीं उतर पाई हैं। इसमें ट्रेन नंबर 04553/54 सहारनपुर-अंबाला- सहारनपुर, 09097/98 बांद्रा-कटरा- बांद्रा, 04623/24 वाराणसी-कटरा- वाराणसी, 04517/18 गोरखपुर- चंडीगढ़-गोरखपुर स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं।
वहीं अन्य ट्रेनों 05005/06 गोरखपुर-अमृतसर को बदले मार्ग से, 04681/82 कोलकाता-जम्मू तवी- कोलकाता, 05049/50 छपरा- अमृतसर-छपरा को चंडीगढ़- साहनेवाल के रास्ते और 04529/30 वाराणसी-बठिंडा-वाराणसी और ट्रेन नंबर 04075/76 नई दिल्ली-कटरा- नई दिल्ली को धूरी-जाखल के रास्ते गंतव्य स्टेशन तक भेजा जा रहा है।