दो महीने और टल सकते हैं नगर निगम के चुनाव, वजह- स्कूलों में परीक्षा और भाजपा की अधूरी तैयारी
एक वजह यह भी… भाजपा का एक बड़ा वर्ग अभी चुनाव के पक्ष में नहीं
तय समय के लगभग डेढ़ साल बाद अप्रैल- मई में प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनाव एक बार फिर टाले जा सकते हैं। भाजपा संगठन में चर्चा है कि पुराने प्रदर्शन को दोहराने के हिसाब से अभी तैयारियां पूरी नहीं हुईं हैं। पार्टी का एक बड़ा वर्ग अब भी चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। लेकिन इस बार यह चुनाव दो माह से अधिक आगे नहीं बढ़ेंगे। बरसात से पहले चुनाव कराए जाएंगे। इस बार चुनाव टालने की वजह बन सकता है परीक्षा का मौसम। 2014-15 में तीन चरणों में हुए चुनाव में सभी 14 नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा था और ज्यादातर नगरपालिका व नगर परिषद में भी भाजपा का ही बहुमत था। इस प्रदर्शन को दोहराने के लिए पार्टी को अतिरिक्त तैयारियों की जरूरत है।
दिसंबर 2019 से पहले होना थे चुनाव-प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दिसंबर 2019 से पहले होना थे।
उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी। नियमों और प्रक्रिया में बदलाव कर कांग्रेस अपने हिसाब से जमावट में लगी रही। चुनाव टाले गए और कुछ ही समय बाद सत्ता बदल गई।
गड़बड़ी- मतदाता सूची में गड़बड़ी एक बड़ा मुद्दा बन गया था। भोपाल नगर निगम की सूची को लेकर 7500 से अधिक शिकायतें आईं। दावा किया जा रहा है कि इन शिकायतों को दूर कर दिया है, लेकिन इसकी हकीकत तो 3 मार्च को अंतिम वोटर लिस्ट जारी होने पर ही सामने आएगी।
आंदोलन- भाजपा के रणनीतिकार अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसान आंदोलन का नगरीय निकाय चुनाव पर कितना असर होगा? भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों को छोड़ दें तो न केवल नगरपालिका व नगर परिषद बल्कि कई नगर निगमों में भी किसान एक बड़ा वर्ग है।
नुकसान- पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि दिसंबर 2018 के बाद डेढ़ साल तक सत्ता से बाहर रहने का नतीजा यह हुआ कि नगरीय निकायों में बहुमत में होने के बावजूद अंतिम साल में कई काम अधूरे रह गए। इसका नुकसान यह हुआ कि पार्टी के पास चुनाव में जाने के लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी।
शहर सरकार काचुनाव 2021: अप्रैल-मई के पहले सप्ताह तक चुनाव कराए जाते हैं तो मतदान केंद्र कहां बनेंगे
इसके अलावा यह कहा जा रहा है कि यदि मार्च में चुनाव की घोषणा के साथ अप्रैल और मई के पहले सप्ताह तक दो या तीन चरणों में चुनाव कराए जाते हैं तो मतदान केंद्र कहां बनेंगे? भोपाल में 2176 मतदान केंद्र में आधे से ज्यादा स्कूल और कॉलेज में बनाए जाते हैं और शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी भी लगती है।