कांग्रेस ने रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। पार्टी नेता राहुल गांधी किसान आंदोलन के दौरान ही इसका संकेत दे चुके थे। कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं के साथ ही लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले लोगों को भी अपने अभियान ‘रोजगार दो’ से जोड़ने की तैयारी की है।
पार्टी बेरोजगार युवाओं के साथ ही लॉकडाउन में नौकरी गंवाने वालों को अपने अभियान ‘रोजगार दो’ से जोड़ेगी
कांग्रेस के ‘रोजगार दो’ अभियान में पूरे देश से करीब बीस लाख लोगों ने मिस कॉल देकर खुद को जोड़ा है। साथ ही राष्ट्रीय बेरोजगार रजिस्टर यानी एनआरयू के तहत भी युवा पंजीकृत हो रहे हैं।
किसान आंदोलन को खुला समर्थन और किसान रैलियों के बाद कांग्रेस युवाओं को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करना चाहती है। युवा कांग्रेस युवाओं से जुड़ने, उनकी भावनाओं को समझने के साथ लॉकडाउन में नौकरी गंवाने वाले युवाओं की काउंसिलिंग कर ढांढस भी बंधा रही है।
रणनीति के तहत युवा कांग्रेस मार्च-अप्रैल के दौरान राज्यों के रोजगार कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी। ‘रोजगार दो या कार्यालय बंद करो’ अभियान में संबंधित जिलों के युवाओं को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है।
अभियान के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए हस्ताक्षर अभियान के साथ शिक्षण संस्थाओं के आसपास वॉल पेंटिंग कराई जाएगी। लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूटने पर शहरों खासकर ग्रामीण इलाकों में लौटे युवाओं से संगठन के पदाधिकारी संपर्क कर डाटाबेस तैयार कर रहे हैं।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने बताया कि देश में रोजगार की समस्या जानलेवा हो गई है। लॉकडाउन के बाद नए रोजगार तो दूर करोड़ों युवाओं की नौकरी चली गई है। मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात कही थी लेकिन सात साल बाद भी अभी तक कोई योजना नहीं है। युवा कांग्रेस युवाओं को जागरूक करने के साथ उनमें आ रही निराशा को लेकर उनकी काउंसिलिंग भी कर रही है। सरकार को जगाने के लिए ही रोजगार दो अभियान चलाया गया है।