कर्नाटक और महाराष्ट्र में हाल ही में हुए चुनावों में वोट चोरी के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की निष्कलंकता पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी के वोटों को ऑनलाइन तरीके से हटाया गया और यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। राहुल ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को घेरते हुए कहा कि आयोग वोट चोरों को बचा रहा है, जबकि यह आरोप गंभीर और चुनावी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाला है।
Election Commission of India must stop protecting Vote Chors.
They should release all incriminating evidence to Karnataka CID within 1 week. #VoteChoriFactory pic.twitter.com/Abiy1OHLQP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर निर्वाचन आयोग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाया कि वे लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं। राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए। आयोग को कर्नाटक सीआईडी को हफ्तेभर के भीतर जरूरी जानकारी देनी चाहिए, वरना साफ हो जाएगा कि आयोग संविधान की हत्या में शामिल है। राहुल ने कहा कि यह खुलासा ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं है, लेकिन वह जल्द आएगा। आयोग से 18 महीने में 18 बार जानकारी मांगी, जवाब नहीं राहुल ने बताया कि कर्नाटक सीआईडी ने पिछले 18 महीनों में आयोग को 18 पत्र भेजे हैं। इनमें यह पूछा गया कि वोट डिलीशन के लिए आवेदन कहां से किए गए? किस आईपी एड्रेस से आए? और ओटीपी किस नंबर पर भेजे गए ? लेकिन आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी। अगर आयोग यह जानकारी देता है, तो यह साफ हो जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां से चलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्ञानेश कुमार इस पूरे ऑपरेशन को बचा रहे हैं।
LIVE: Special Press Conference – Vote Chori Factory https://t.co/ne8cdFCnMs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
आयोग के अंदर से भी मिल रही जानकारी राहुल
ने दावा किया कि उन्हें आयोग के अंदर से भी जानकारी और सहयोग मिल रहा है। यह लड़ाई रुकेगी नहीं। जब देश के युवा जानेंगे कि उनके वोट चुराए जा रहे हैं, तो वे भी इस लड़ाई में शामिल होंगे। मैं जल्द ही इस पूरे ऑपरेशन के मास्टरमाइंड का भी खुलासा करूंगा। मेरा ‘हाइड्रोजन बम’ वाला खुलासा सब कुछ साफ कर देगा।
राहुल गांधी का गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांग्रेस के लाखों वोट ऑनलाइन गायब हो गए, और यह घटना चुनाव आयोग की नाकामी को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति सुधारी नहीं गई, तो लोकतंत्र की मौलिकता पर खतरा मंडरा सकता है। उनके अनुसार, यह घटना महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी जिसका उद्देश्य कांग्रेस पार्टी के वोटों को प्रभावी रूप से कम करना था।
निर्वाचन आयोग का जवाब
वहीं दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि ऐसी किसी घटना की कोई पुष्टि नहीं हुई है। आयोग ने बताया कि ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली में किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई थी और वोटों को हटाने जैसी कोई प्रक्रिया भी नहीं की गई थी। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इसे एक समझी-सुनझी बात बताया और कहा कि इस तरह के आरोप चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिशें हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उनकी टीम पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनावी प्रक्रिया का पालन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है, तो वह पूरी जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदान प्रक्रिया को सही तरीके से संचालन करना आयोग का कर्तव्य है और वह इसे पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।
क्या है ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली?
आजकल के चुनावों में, कुछ स्थानों पर ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। इसमें मतदाता घर बैठे अपने वोटों को इंटरनेट के माध्यम से डाल सकते हैं। हालांकि, यह प्रणाली नए तकनीकी बदलावों के साथ आई है और इसमें सुरक्षा के भी कई पहलू हैं, जिनकी समीक्षा समय-समय पर होती रहती है।
कांग्रेस पार्टी के आरोप के संदर्भ में, यह माना जा सकता है कि ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली में कुछ तकनीकी खामियां या त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने हमेशा इस प्रणाली को पूर्ण सुरक्षा देने का दावा किया है।
कर्नाटक और महाराष्ट्र में चुनावी गड़बड़ियाँ:
कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों के संदर्भ में यह कहना मुश्किल है कि क्या यह आरोप सच हैं या नहीं। इन दोनों राज्यों में चुनावों के दौरान गिनती के समय कांग्रेस पार्टी के कुछ वोटों के गायब होने की शिकायतें सामने आई थीं। कर्नाटक में तो चुनाव के बाद कई मतदान केंद्रों से शिकायतें आई थीं कि कुछ वोटों की गिनती सही नहीं की गई थी और कुछ वोट नज़रअंदाज़ कर दिए गए थे।
महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उनका वोट ऑनलाइन सिस्टम में गायब हो गया था और यह मामला अदालत में पहुंच गया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन शिकायतों की जांच करने का भरोसा दिया था और कहा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
राहुल गांधी का लोकतंत्र पर बयान
राहुल गांधी ने इन आरोपों को लेकर यह भी कहा कि अगर ऐसे मामलों में शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। उनका कहना था कि एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान तभी होती है जब चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि वह ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि चुनाव में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी न हो।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए, और कहा कि अगर आयोग इस मामले की जांच नहीं करता, तो यह उसकी निष्कलंकता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करेगा। उन्होंने कहा, “अगर कोई इस तरह की गड़बड़ी को नजरअंदाज करता है, तो वह लोकतंत्र को कमजोर करने की दिशा में एक कदम और बढ़ा रहा है।”
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
चुनाव आयोग के सामने ये आरोप ऐसे समय में आए हैं जब भारत में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव आयोग पर कई बार आरोप लगाए जाते रहे हैं कि वह सत्ता के दबाव में आकर निष्पक्षता की नीति को ताक पर रखता है। लेकिन आयोग ने हमेशा इसे नकारा है और कहा है कि वह अपनी पूरी शक्ति के साथ चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने की कोशिश करता है।
कांग्रेस पार्टी का रुख
कांग्रेस पार्टी ने आरोपों को लेकर चुनाव आयोग से सार्वजनिक रूप से निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि इस बार चुनावों में जिस प्रकार की तकनीकी गड़बड़ियां देखने को मिलीं, वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक हो सकती हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि किसी भी आरोप की सही तरीके से जांच होनी चाहिए और चुनाव आयोग को इस पर जल्द ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुए चुनावों में वोट चोरी और ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली में गड़बड़ी के आरोपों ने चुनावी प्रक्रिया को एक नई दिशा में खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है और इसे तकनीकी गड़बड़ी मानने से इनकार किया है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि इस मामले में चुनाव आयोग किस प्रकार की कार्रवाई करता है और क्या इन आरोपों का कोई सच्चाई है या नहीं।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता के बारे में उठाए गए सवालों को लेकर अब देखना यह होगा कि क्या आने वाले चुनावों में इन मुद्दों का समाधान निकाला जाता है और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाए जाते हैं।
सीधा वार: कर्नाटक; आलंद सीट पर 6018 वोट हटा रहे थे
राहुल ने कहा, ‘कर्नाटक की आलंद सीट पर 2023 चुनाव से पहले 6,018 वोट हटाने की कोशिश की गई। यह सब ऑटोमेटेड सिस्टम से किया गया, जिसमें बाहर के मोबाइल नंबरों से डिलीशन के लिए आवेदन हुए थे।
महाराष्ट्र; राजुरा सीट पर फर्जी वोटर जोड़े गए
राहुल गांधी ने कहा, महाराष्ट्र की राजुरा सीट की वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े। एक ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल हुआ। यही सिस्टम कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, यूपी में भी काम कर रहा। मेरे पास सबूत हैं।