रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में नियमों के उल्लंघन पर पुलिस और प्रशासन द्वारा सील किए गए पटाखों के दो गोदामों का तीसरे ही दिन खुल जाना, पूरी कार्रवाई की गंभीरता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। शहर से लगे मैदानी क्षेत्र में दो दिन पहले जिन गोदामों को अवैध भंडारण और लाइसेंस की खामियों के चलते सील किया गया था और जिनके संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी, रविवार को वहाँ फिर से पटाखों की धड़ल्ले से बिक्री शुरू हो गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा छेड़ दी है कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता थी या फिर प्रशासन का डर खत्म हो चुका है।
अवैध भंडारण पर हुई थी बड़ी कार्रवाई
मामले की शुरुआत पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर हुई, जब एसडीओपी त्योंथर के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने शुक्रवार रात मैदानी क्षेत्र में पटाखा कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी। जांच के दौरान दो गोदामों में गंभीर नियमों का उल्लंघन पाया गया।
पहला गोदाम: यह आरोप था कि लाइसेंसधारक का निधन हो चुका है, लेकिन गोदाम का संचालन जारी था।
दूसरा गोदाम: इस गोदाम को लेकर प्रशासन की ओर से कहा गया था कि भंडारण के लिए उस जगह की प्रशासनिक अनुमति नहीं है, जिसके चलते इसे अवैध भंडारण मानते हुए सील करने की कार्रवाई की गई।
इन खामियों के आधार पर चोरहटा थाना में अवैध पटाखों के भंडारण को लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इस सख्त कार्रवाई के बाद माना जा रहा था कि पटाखा कारोबारियों के बीच एक कड़ा संदेश जाएगा, लेकिन तीसरे दिन जो हुआ वह सभी के लिए चौंकाने वाला था।
‘सील’ के बावजूद धड़ल्ले से व्यापार शुरू
रविवार को जब मैदानी क्षेत्र के ये गोदाम फिर से खुले और वहाँ पूर्व की तरह व्यापार शुरू हो गया, तो प्रशासन की मुस्तैदी सवालों के घेरे में आ गई। लोगों के बीच यह बात चर्चा का विषय बन गई कि जब नियमों के उल्लंघन पर गोदामों को सील कर दिया गया था, तो फिर उन्हें अनलॉक किसने किया और कैसे किया गया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह घटना दर्शाती है कि या तो प्रशासन अपनी कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं था, या फिर अवैध कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें कानून का कोई डर नहीं है।
पुलिस और प्रशासन के विरोधाभासी बयान
गोदाम खुलने के सवाल पर पुलिस और प्रशासन की तरफ से दिए गए बयान भी विरोधाभास पैदा करते हैं:
प्रशासन का पक्ष: प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने गोदामों को विधिवत सील किया था और वहाँ से किसी भी तरह की बिक्री नहीं होनी चाहिए थी। उनका यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से गोदामों के अवैध रूप से खुलने की ओर इशारा करता है।
पुलिस का पक्ष: पुलिस का कहना है कि जो पटाखा अवैध मिला था, उसे जब्त कर लिया गया है और एफआईआर के माध्यम से वैधानिक कार्रवाई पूरी की गई है।
गोदामों को सील करने की संयुक्त कार्रवाई के बावजूद, तीसरे ही दिन उनका फिर से संचालित होना यह संकेत देता है कि कानूनी कार्रवाई में कहीं न कहीं ढील दी गई है, जिसका सीधा फायदा अवैध कारोबारियों ने उठाया है। यह घटना रीवा में कानून के राज और प्रशासन की विश्वसनीयता पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है, जिनकी उच्च स्तरीय जाँच आवश्यक है।