रीवा में जल संकट: रीवा के कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों को किया चिन्हित, नलकूप पर पूरी तरह रोक

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आने वाले दिनों में जल संकट के संकेत दिख रहे हैं। इसलिए जिले को जल अभाव क्षेत्र एलान कर दिया गया है। रीवा के कलेक्टर ने नलकूप खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
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सुखा
रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आने वाले दिनों में जल संकट के संकेत दिख रहे हैं। इसलिए जिले को जल अभाव क्षेत्र एलान कर दिया गया है। रीवा के कलेक्टर ने नलकूप खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में अगर कहीं शासकीय जल स्रोत बंद हो जाए और निजी स्रोतों की आवश्यकता पड़ती है तो उसे प्रशासन अधिग्रहण भी कर सकता है। जिले में कई कार्यो के लिए भूगर्भीय जल स्रोतों के ज्यादा दोहन एवं तापमान में वृद्धि होने के साथ जल स्तर में काफी तेजी से गिरावट आई है जिसकी वजह से जिले में आसन पेयजल संकट की वजह कलेक्टर एवं जिला अधिकारी दंडाधिकारी मनोज पुष्प ने रीवा जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र बता दिया है।
रीवा कलेक्टर की ओर से जारी हुए आदेश के अंतर्गत जिले में 15 जुलाई 2023 तक किसी भी शासकीय भूमि पर स्थिति जल स्त्रोत मैं पीने के पानी तथा घरेलू उपयोग को छोड़कर पानी का प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिले के तमाम शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के सभी जन स्रोतों में जिसमें नदी नाले स्टेप डैम और सार्वजनिक को एवं कई जल स्रोत है। पेयजल तथा घर के कामों के लिए तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किए जाने का आदेश जिले में दिया गया है। प्रतिबंध की अवधि में कोई भी व्यक्ति अथवा निजी एजेंसी द्वारा सक्षम पदाधिकारी की बिना मंजूरी के नवीन नलकूप खनन की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है।
शासकीय नलकूप खनन को प्रतिबंध से छूट मिली है
जारी किए गए आदेश के मुताबिक प्रतिबंध की अवधि में यदि कोई आदमी या अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन करता है तो उसे निर्धारित प्रारूप में शुल्क समेत अपने क्षेत्र के एसडीएम को एक आवेदन देना होगा। लिखित अनुमति मिलने के उपरांत ही नलकूप खनन किया जा सकते हैं। यदि किसी क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल स्रोत सूखे हैं और विकल्प के रूप में किसी अन्य सार्वजनिक पेयजल स्रोत भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में एसडीएम निजी पेयजल स्रोत को कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक अधिग्रहण कर सकता है। प्रतिबंध के आदेश 15 जुलाई 2023 तक लागू रहने वाले हैं।
कलेक्ट्रेट ऑफिस में आयोजित कोई बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प नल जल योजनाओं की प्रगति एवं पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की है। ने बताया कि कार्यपालन यंत्री पीएचई खराब हुए हैंडपंपों के सुधार के लिए अभियान चलाए जाए कोई भी गांव में हैंडपंप खराब होने की सूचना मिलते ही 24 घंटे के अंदर उसको ठीक किया जाए।