भोपाल। मध्यप्रदेश के शिवपुरी से अनोखा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को चौंका दिया है। अक्सर हमने बैंक से चौरी घटना सुनी है लेकिन वही चोरी अगर वहां पर मोजूद कर्मचारी ही करें तो यह हर किसी को चौका देता है। खास कर उन खाता धारकों को जिनकें वहा उस बैंक में अकाउंट है। ऐसी खबर को सुन हर को चौक जाएगा लेकिन एक ऐसी ही खब़र मध्यप्रदेश से सामने सामने आई है।
बैंक चपरासी का कारनामा
मध्यप्रदेश के एक जिले से चौकाने वाली घटना सामने आई है। जहा एक केंद्रीय सहकारी बैंक में कार्यरत चपरासी ने ही बड़ी घटना को अंजाम दिया है जिसके बाद बैंक में 80 करोड़ से ज्यादा का गबन की खब़र सामने आई है। दरसअल बतादें कि एमपी के शिवपुरी जिलें में कोलारस शाखा में 52 वर्षीय राकेश पाराशर चपरासी के पद पर कार्यरत है जिसके द्वारा बैंकों में फाइल इधर उधर पहुंचाने का काम किया जाता था। वही इस चपरासी द्वारा अपने ही बैंक से 80 करोड़ से अधिक का गबन कर डाला।
कैशियर का काम
बता जा रहा है कि कोलारस शाखा में चपरासी के साथ-साथ राकेश को अधिकारी गण द्वारा कैशियर का भी काम करवाया जाता था। राकेश द्वारा अपने रिश्तेदार सहित भाई और भरोसेमंद लोगों के नाम पर बैंक में खाता खोले गए। इन खातों में पैसे जमा करने के लिए फर्जी वाउचर तैयार किया गया। जिसकी एंट्री उन खातों में कर दी गई, जिनमें वह पैसे जमा दिखाने चाहते थे। फर्जी तरीके से जमा की गई पैसे को निकालने के लिए राकेश पराशर ग्राहकों के नाम का इस्तेमाल करता था और ग्राहकों द्वारा पैसे निकालना बताकर नकद रकम की डिमांड हेड ऑफिस को भेजता था। जिसके बाद एसबीआई द्वारा कोलारस शाखा में राशि भेजी जाती थी। जिसकी राशि भी राकेश पाराशर खुद रख लेता था।
गड़ा हुआ धन मिला
बैंक के चपारासी राकेश पराशर अपने रॉयल अंदाज में रहता था। सोने के लिए गोल्ड की चारपाई बनवाई थी। सोने की थाली में खाना खाता था। वहीं पड़ोसी को इस बात का अहसास होता था कि इतना पैसा कहा से आ रहा तो इस बात पर कहता था कि उसे गड़ा हुआ धन मिला है। फर्जीवाड़े और गबन की इस राशि का इस्तेमाल चपरासी अपनी लाइफ स्टाइल पर करता था।
अधिकारी का कहना
इस घटना पर अपेक्स बैंक भोपाल के MD पीएस तिवारी का कहा है कि घोटाले में जिन लोगों के खाते से लेन-देन हुआ है। उनसे पर केस दर्ज करने के लिए महाप्रबंधक और प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई है। जल्दी खाताधारकों को पैसे लौटाए जाएंगे।