मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज कस्बे में कई ऐसे अपराधी हैं जो गुंडागर्दी के साथ-साथ शराब, गांजा के साथ ही नशीली कफ सिरफ की तस्करी को अंजाम देते हंै। पुलिस का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। नतीजा यह है कि अपराधी अपने-अपने वर्चस्व के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने में तत्पर्य रहते हैं। नतीजा यह निकला कि दो गुटों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई में एक अपराधी की मौत हो गई। पुलिस की लापरवाही की वजह से हत्या को अंजाम देने वाला अपराधियों का दूसरा गुट फरार होने में कामयाब हो गया। घटना मंगलवार की रात मऊगंज बस स्टैंड की है जहां आदतन अपराधी छोटेलाल गुप्ता उर्फ पोक्का पिता रामसजीवन को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम शातिर बदमाश विक्कू गुप्ता पिता हरी गुप्ता निवासी घुरेहटा एवं प्रिंस गुप्ता पिता अरुण गुप्ता निवासी बस स्टैंड ने अपने आधा दर्जन साथियों के साथ मिलकर दिया। स्थानीय लोगों की माने तो आदत के अनुसार मंगलवार की रात छोटेलाल गुप्ता उर्फ पोक्का शराब के नशे में बस स्टैंड पहुंचा और जोर-जोर सार्वजनिक रूप से गाली बक कर दहशत फैला रहा था। जिसकी आवाज सुन पोक्का का दुश्मन प्रिंस गुप्ता सही मौका समझते हुये फोन कर अपने साथियों को बुला लिया। लाठी, डंडा एवं लोहे के पाइप से लैस हो कर आये बदमाशों ने पोक्का गुप्ता पर हमला कर दिया। सिर से लेकर पैर तक जमकर लाठी, डंडे और लोहे की पाइप बरसाये और गंभीर हालत में छोड़ कर वहां चले गये। इसी बीच किसी ने किसी ने एफआरबी को सूचना दी। मौके पहुंची एफआरबी घायल पोक्का गुप्ता को उपचार के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊगंज ले गई। जहां उपचार के अभाव में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने नामजद सहित अन्य के विरुद्ध हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर शव को पीएम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया।
दहशत और नफरत के चलते किसी ने नहीं की मदद
पुलिस ने बताया कि छोटेलाल गुप्ता उर्फ पोक्का की आदतों से स्थानीय लोग दहशत के साथ ही नफरत भी करते थे। सूचना पर जब मौके में एफआरबी पहुंची तो उसे उठा कर गाड़ी में बैठाने के लिए किसी के हाथ आगे नहीं बढ़े सभी उससे दूरी बनाये रखें और वह मदद के लिए चीखता रहा। किसी कदर पुलिस वाले उसे एफआरबी में बैठा कर स्वास्थ्य केंद्र ले गये। जहां डॉक्टर ने देखते ही रीवा के लिए रेफर कर दिया। लेकिन उसके साथ रीवा तक जाने के लिए कोई तैयार तक नहीं हुआ। परिणाम यह हुआ कि उपचार के आभाव में सुबह होते तक छोटेलाल की मौत हो गई।
लाश लेकर थाना पहुंचे राजनीति की रोटी सेंकने
एक कहावत है कि जितन न परसय माड़, मरय म परसय खांड़। यह कहावत मऊगंज के उन माननीयों के लिए सटीक बैठती है जो छोटेलाल के शव पर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने थाना पहुंचे थे। मीडिया के आगे बयान बाजी कर अपनी नेतागिरी चमकाने वाले नेता रात भर गायब रहे। जबकि घटना रात्रि लगभग 11 बजे की है और छोटेलाल पर हुये जानलेवा हमले की जानकारी मऊगंज कस्बे में जंगल में लगी आग की तरह फैल चुकी थी। न तो कोई रात घटना स्थल पर मदद करने पहुंचा और न ही कोई अस्पताल पहुंचा। यहां तक कि कोई उसे उपचार के लिए रीवा तक लाने की लिए तैयार नहीं हुआ। लेकिन जैसे छोटेलाल ने दम तोड़ा तो गिद्ध की भांति नेता अस्पताल पहुंच गये और शव लेकर थाना के सामने प्रदर्शन करने बैठ गये। इसी बीच पुलिस के एक अधिकारी ने लाश को लेकर प्रर्दशन करने वाले नेताओं से पूछा की घटना की रात से लेकर सुबह उसकी मौत तक कहां रहे, मदद के लिए आगे क्यों नही आये तो नेता बगली झांकते हुये धरना स्थल से नदारत हो गये।