पन्ना: इंडिया महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। सपा के खाते में आई प्रदेश की इकलौती खजुराहो सीट से प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र शुक्रवार को निरस्त हो गया। कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखित शिकायत कर गलत तरीके से नामांकन रद्द करने का आरोप लगाया है। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार को निलंबित करने की मांग की है। सपा ने सुनियोजित साजिश बताकर कोर्ट जाने की बात कही।
भाजपा की ओर से यहां से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और बसपा से कमलेश पटेल प्रत्याशी हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवजीत सिंह ने बताया संवीक्षा के दौरान दोपहर दो बजे नामांकन निरस्त करने की बात कही। समय होने और कमी पूरा कराने का निवेदन किया, पर हमारी नहीं सुनी। सपा ने मनोज यादव का टिकट बदल मीरा को जांच में दिया व्याह शुक्रवारत्याशियों के नामांकन रद्द हुए, अब भाजपा और बसपा सहित 14 प्रत्याशी बचे हैं। सपा या कांग्रेस से कोई डमी नामांकन नहीं हुआ। ऐसे में दोनों दल 12 निर्दलियों में से मजबूत विकल्प तलाश रहे हैं। मीरा के पति और सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपनारायण ने मीडिया के सामने भी यही बात कही।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को की शिकायत, सपा ने बताया साजिश
- नामांकन निरस्त होने की दो वजह
मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति पुरानी है
एक जगह आवेदक का हस्ताक्षर नहीं है
यह है नियम
अधिवक्ता राजेश तिवारी बताते हैं कि निर्वाचन आयोग का नियम है नामांकन में अपूर्णता या कमी पाई जाती है तो प्रतिपूर्ति करानी चाहिए। नामांकन में गलती पाई जाती है तो उसमें सुधार कराया जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारी का दायित्व है कि नामांकन के दौरान फॉर्म की जांच की जाए। संतुष्ट होने के बाद पावती दी जाए।
किसने क्या कहा….
लोकतंत्र की हत्या
सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। हस्ताक्षर नहीं थे तो अफसर ने फॉर्म लिया ही क्यों। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो पीठ पीछे क्या साजिश रचते होंगे। भाजपा झूठी है, प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। घटना की भी न्यायिक जांच हो।
अखिलेश यादव, सपा अध्यक्ष
पहले ही बताया
नामांकन जमा करने के दौरान फॉर्म की कमियां बताई थीं। फॉर्म के साथ निर्वाचक नामावली कल तक नई पेश करने को कहा था। सिग्नेचर भी नहीं थे।
सुरेश कुमार, जिला निर्वाचन अधिकारी, पन्ना
निरस्त हुआ नहीं, किया
नामांकन निरस्त नहीं हुआ, बल्कि किया गया है। इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार, जवाबदेह है। पारदर्शी चुनाव से भाजपा का भरोसा उठ गया। लोकतंत्र और संविधान की अवमानना का सबसे गंभीर दौर देख रहा है। खजुराहो इसी तानाशाही का हिस्सा है।
जीतू पटवारी, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
ऐसा क्यों हो गया
हमको तो चुनाव लड़ने में आनंद आता है। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि मेरे सामने जो प्रतिपक्ष के साथी हैं, उनके साथ क्यों ऐसा हो गया।
वीडी शर्मा, भाजपा प्रत्याशी, खजुराहो
15 साल बाद भाजपा को फिर मिला वॉकओवर
2009 में विदिशा में भाजपा नेता सुषमा स्वराज को वॉकओवर मिला। कांग्रेस के राजकुमार पटेल बी फॉर्म जमा नहीं कर सके और नामांकन निरस्त हो गया। हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। पटेल पर भाजपा से सांठ- गांठ के आरोप लगे। कांग्रेस ने पार्टी से निकाला। 2013 में उनकी पार्टी में वापसी हो पाई।
प्रमाणित कॉपी नहीं मिली मी रा ने दूसरे चरण के नामांकन के अंतिम
दिन 4 अप्रेल को फॉर्म जमा किया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्राथमिक जांच में सही पाकर पावती दी। प्रत्याशी ने कहा, फॉर्म जांचकर जमा करना निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी थी। कमी थी तो बतानी चाहिए थी। दो अप्रैल को वोटर लिस्ट की प्रमाणित कॉपी के लिए आवेदन दिया। नहीं मिलने पर उपलब्ध प्रमाणित कॉपी फॉर्म के साथ लगाई।
आगे क्याः कोर्ट से मिल सकती है राहत
जिला निर्वाचन अधिकारी का निर्णय अंतिम है। फिर भी अनुच्छेद 226 में हाईकोर्ट को असीमित शक्तियां दी हैं। हाईकोर्ट चाहे तो नामांकन आवेदन स्वीकार कर निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल होने को निर्देशित कर सकता है।