टीकमगढ़ : टीकमगढ़ के खरगापुर तहसील के रमसगरा गांव में सामूहिक कृषि साख समिति मर्यादित के नाम दर्ज 22 हेक्टेयर करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए और 5 करोड़ की बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री मात्र 16 लाख रुपए में करवा ली गई।
फर्जीवाड़ा • सामूहिक कृषि सहकारी समिति की 22 हेक्टेयर जमीन की करवाई रजिस्ट्री, विवाद बढ़ा तो वापस की
इतना ही ऑनलाइन पोर्टल पर सरकारी जमीन खरीदार के नाम भी दिखने लगी। जब इसकी भनक गांव के लोगों को लगी तो ग्रामीण एडीएम के पास पहुंचे और मामले से अवगत कराया, बल्देवगढ़ एसडीएम भारती मिश्रा ने तत्काल मामले की जांच ऐसे अधिकारी को सौंपी, जिसके तहसील क्षेत्र में यह फर्जीवाड़ा हुआ।
दरअसल 22 हेक्टेयर (60 एकड़) जमीन जो 22 मार्च 2024 तक सामूहिक कृषि सहकारी समिति मर्यादित रमसगरा के नाम सरकारी रिकार्ड में दर्ज थी, इस जमीन के लिए कूटरचना कर 20 फरवरी 2024 को तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार सेन के नाम से आदेश जारी किया जाता है। जिसमें हाई कोर्ट के प्रकरण क्रमांक 1140/2017 का हवाला देते हुए पूरी सरकारी जमीन जिसका खसरा क्रमांक 482/1, 482/32, 520/32, 524, 484, 518 और 525/32 को फर्जी आदेश के बाद निजी कर दिया गया। यह जमीन लड्डू लड्डु बाई अहिरवार, रामादीन रैकवार, रमेश रैकवार व भूपेंद्र प्रजापति के नाम दर्ज कर दी गई।
इसके बाद सरकारी जमीन जब इन चार लोगों के नाम दर्ज हुई, तो तत्काल ही सभी ने मिलकर 24 मार्च 2024 को यह सरकारी जमीन क्रांति देवी दीक्षित, रामदेवी दीक्षित निवासी छिंदारी के नाम रजिस्ट्री कर दी। इसी दिन जमीन सरकारी रिकार्ड में क्रांति देवी दीक्षित व रामदेवी दीक्षित के नाम दिखने लगी। मामले में जब भू-माफिया को हलचल दिखी और बल्देवगढ़ एसडीएम के द्वारा जांच के आदेश दिए गए, तो वापस क्रांति देवी दीक्षित व रामदेवी दीक्षित ने इस जमीन को लड्डू बाई अहिरवार, रामादीन रैकवार, रमेश रैकवार व भूपेंद्र प्रजापति के नाम रजिस्ट्री कर दी।
वहीं इसके बाद 2 अप्रैल 2024 को यह जमीन वापस सरकारी रिकार्ड में सामूहिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित रमसगरा के नाम दिखने लगी। हैरान करने वाली बात है कि इस तरह का गंभीर मामला होने के बाद भी जांच कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ 15 लोगों को नोटिस जारी किए गए। जिनमें से सिर्फ पटवारी के ही बयान दर्ज हो सके। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिसको जांच सौंपी गई है वह इस पूरे स्कैम को लेकर कितने सजग हैं।
सरकारी जमीन हथियाने माफिया ने दी 1 लाख 6466 रुपए स्टाम्प ड्यूटी
रमसगरा में सामूहिक कृषि सहकारी समिति मर्यादित की बेशकीमती जमीन माफिया ने औने-पौने दाम में खरीद ली। 24 मार्च 2024 को इस जमीन को क्रांति देवी दीक्षित व रमादेवी दीक्षित ने 16 लाख रुपए में खरीदी। इसके लिए 1 लाख 6466 रुपए की स्टाम्प ड्यूटी चुकाई गई। साथ ही पंजीयन शुल्क के रूप में 49138 रुपए खर्च किए गए। 29 मार्च 2024 को इस जमीन की वापस रजिस्ट्री लड्डु बाई अहिरवार, रामादीन रैकवार, रमेश रैकवार, भूपेंद्र प्रजापति के नाम कर दी गई।
इस मामले में जो भी शामिल उनपर होगी कार्रवाई
सरकारी जमीन रातों रात निजी कर दी गई। इसके बाद उसकी दो बार रजिस्ट्री की जाना और स्टाम्प ड्यूटी चुकाना बड़ा स्कैम है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जल्दी ही इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसमें जो भी सामने आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
• अवधेश शर्मा, कलेक्टर, टीकमगढ़