उत्तर प्रदेश की 36 सीटों के लिए हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव में करीब 40 फीसदी निर्वाचित सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार 35 निर्वाचित एमएलसी में से 14 एमएलसी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें 9 एमएलसी पर हत्या, हत्या की कोशिश, रिश्वत आदि से संबंधित मामलों सहित गंभीर मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें 35 में से 33 करोड़पति हैं। भाजपा के 33 एमएलसी और दो निर्दलीय एमएलसी ने 1 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
सबसे ज्यादा दागी भाजपा के
भाजपा के 13 एमएलसी के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि दो निर्दलीय विधायकों में से एक ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इस बीच, 7 एमएलसी ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है। 28 एमएलसी ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है।