रीवा। रीवा संभाग के 33 सरकारी कॉलेजों की संबद्धता (Affiliation) शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया रुक गई है, जिससे छात्रों के भविष्य और इन शिक्षण संस्थानों के संचालन पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। यह गतिरोध इसलिए उत्पन्न हुआ है क्योंकि संबंधित कॉलेजों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मांगे गए आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यधिक देरी और लापरवाही बरती है।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने बार-बार पत्राचार के माध्यम से कॉलेजों को चेतावनी दी है, लेकिन उनकी ओर से कोई ठोस या समय पर प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस लापरवाही के कारण अब विश्वविद्यालय शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पा रहा है।
लापरवाही की ‘कछुआ चाल’: बार-बार चेतावनी भी बेअसर
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह समस्या कोई नई नहीं है। पूर्व में भी कॉलेजों को समय पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई सहयोग नहीं मिला।
विलंब का कारण: शुल्क निर्धारण के लिए कॉलेजों को अपने यहाँ संचालित पाठ्यक्रमों की कक्षावार सीट संख्या की जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य था।
प्रशासनिक कार्रवाई: विश्वविद्यालय ने पहले जून और जुलाई महीने में भी इन कॉलेजों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी थी। जिन कॉलेजों ने समय पर जानकारी उपलब्ध करा दी थी, उन्हें संबद्धता प्रदान कर दी गई है।
लेकिन जो 33 कॉलेज अभी भी जानकारी नहीं भेज पाए हैं, उनकी संबद्धता रुक गई है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार, ने फिर से चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि कॉलेज अब भी जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो उनकी संबद्धता पर खतरा आ सकता है, जिससे छात्रों को भविष्य में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
रीवा संभाग के इन कॉलेजों का शुल्क निर्धारण अटका
यह समस्या केवल कुछ छोटे कॉलेजों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संभाग के कई प्रमुख और बड़े सरकारी कॉलेज शामिल हैं। संबद्धता शुल्क निर्धारण रुकने से प्रभावित होने वाले संभाग के मुख्य कॉलेज निम्नलिखित हैं:
जिला प्रभावित कॉलेज
रीवा: शासकीय शिक्षा महाविद्यालय।
सतना: शासकीय जलज त्रिमूर्ति महाविद्यालय नागौद, शासकीय महाविद्यालय नयागाँव।
मैहर: शासकीय महाविद्यालय बदेरा।
सिंगरौली: शासकीय राज नारायण स्मृति महाविद्यालय बैढ़न, शासकीय महाविद्यालय बरका, सराई, बरिगंवा, रजामिलान, माड़ा, कन्या महाविद्यालय बैढ़न शामिल।
सीधी : शासकीय कन्या महाविद्यालय सीधी, रामपुर, कुसमी, मड़वास और खड्डी महाविद्यालय।
शहडोल: पंडित अटल बिहारी वाजपेयी महाविद्यालय जयसिंह नगर, इंदिरा गाँधी तुलसी महाविद्यालय शहडोल, राम किशोर शुक्ल स्मृति कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, शासकीय महाविद्यालय बानसागर।
अनूपपुर: शासकीय तुलसी महाविद्यालय, महाराजा मार्तंड सिंह महाविद्यालय कोतमा, महाविद्यालय जैतहरी, बिजुरी, राज नगर, वेंकटनगर।
उमरिया: शासकीय आरवीसी सिंह महाविद्यालय, महाविद्यालय बिरसिंहपुर पाली, महाविद्यालय चंदिया, मानपुर, भरौला, बिलासपुर एवं आदर्श महाविद्यालय उमरिया।
छात्रों के भविष्य पर गहराया संकट
किसी भी कॉलेज की संबद्धता प्रक्रिया का अटकना सीधे तौर पर वहाँ पढ़ रहे हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करता है। यदि इन कॉलेजों की संबद्धता रद्द होती है या इसमें और अधिक देरी होती है, तो परीक्षा फॉर्म भरने, डिग्री जारी होने और अगले सत्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने में बड़ी बाधाएं आ सकती हैं।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन की स्पष्ट चेतावनी के बावजूद कॉलेजों की यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाती है, बल्कि उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है जिन्होंने इन सरकारी संस्थानों पर भरोसा किया है। इन 33 कॉलेजों को तत्काल आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराकर इस समस्या का समाधान करना होगा।