रीवा। रीवा इंजीनियरिंग कालेज में बनाये गये स्ट्रांग रूम से संबंधित सीसीटीव्ही डिस्प्ले के बार-बार बंद होने के मसले को लेकर कांग्रेस लगातार दो दिन से मुखर है और चुनाव की निष्पक्षता व पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। अभी सीसीटीव्ही डिस्प्ले वाले मुद्दे का पटाक्षेप हो नहीं पाया कि प्रशासन की बखिया उधेड़ने के लिए कांग्रेस को और मुद्दा हाथ लग गया। यह मामला 1369 पुलिस कर्मियों के मतदान से वंचित रह जाने का है।
इस मामले को लेकर अग्रेसिव हुये कांग्रेसियों ने लंबे समय से करोड़ों रुपये फूंककर चलाये गये मतदाता जागरुकता अभियान को भी सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के अध्यक्ष त्रियुगीनारायण शुक्ला भगत के नेतृत्व में आज कई कांग्रेसी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्होंने शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया।
श्री शुक्ला ने कलेक्टर रीवा को लेख करते हुए निर्वाचन ड्यूटी में तैनात 1369 पुलिस कर्मचारियों एवं शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षकों को प्रशासनिक उदासीनता के चलते उनके मताधिकार के मौलिक अधिकार से वंचित रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी को व्यवस्था देना था किन्तु ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि संबंधित कर्मचारियों द्वारा स्वतः वोट नहीं डाला गया है क्योंकि हरेक व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहता है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री शुक्ला के साथ शहर अध्यक्ष लखनलाल खंडेलवाल, संगठन मंत्री रवि तिवारी, सज्जन पटेल सहित अन्य कांग्रेसजन कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। कांग्रेस नेताओं ने मताधिकार से वंचित मामले को अलोकतांत्रिक एवं मौलिक अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र. की ओर भी शिकायत प्रेषित की गई है और पूरे प्रदेश में कांग्रेस इस प्रकृति के मामलों को लेकर गंभीर है।
अपने कैरियर की आत्महत्या कर रहे प्रशासनिक युवा
विधानसभा चुनाव 2023 के लिये 17 नवम्बर को हुए मतदान दौरान किन अधिकारियों-कर्मचारियों ने सरकार के लिए एजेंट के रूप में कार्य किया है, सत्तारूढ़ पार्टी का कार्यकर्ता बनकर कार्य किया है इसकी नाम एवं पद सहित जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी संकलित कर रही है। उक्त परिपेक्ष्य में रीवा सीट कांग्रेस प्रत्याशी इंजी. राजेन्द्र शर्मा से पत्रकारों ने बात की तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस मामले को लेकर गंभीर है। कोई बख्शे नहीं जायेंगे क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। कांग्रेस प्रत्याशी इंजी. शर्मा ने हैरानगी जताते हुए कहा कि यह जानते हुए भी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है तथापि रीवा में प्रशासनिक पोस्ट पर बैठे युवा न जाने क्यों अपने कैरियर की आत्महत्या करने में लगे हैं।
षड़यंत्र की संभावना करार
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मतदान की व्यवस्था देने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी की होती है। कोई ड्यूटीरत कर्मचारी मतदान करने से खुद इंकार कर दे, यह असंभव नहीं है लेकिन ड्यूटी के कारण कोई वोट डालने से वंचित रह जाय यह तो गलत है। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की चुनावी भूमिका को संदेहास्पद एवं षड़यंत्र की संभावना करार देते हुये कहा कि उस मतदाता जागरुकता अभियान चलाने का क्या मतलब है जिसके नाम पर करोड़ों खर्च कर दिए गये ? गौरतलब है कि चुनाव विधानसभा का हो या फिर लोकसभा का प्रत्येक चुनाव में कई-कई महीने तक मतदाता जागरुकता अभियान विभिन्न माध्यमों से चलाया जाता है। एक-एक जिले में करोड़ों की राशि व्यय होती है। उसके बावजूद भी मतदान का प्रतिशत अपेक्षित नहीं रहता है। निर्वाचन आयोग तथा शासन-प्रशासन द्वारा चलाये जाने वाले मतदाता जागरुकता अभियान से कहीं ज्यादा मतदाताओं को पोलिंग बूथों तक खींचने में उम्मीदवारों का जनसंपर्क सफल रहता है।