MP Election 2023 रीवा। जिले की त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने एक बार फिर नया इतिहास रचते हुए जहां भाजपा की सीट बरकारार रखी, वहीं विंध्य के सफेद शेर के नाम से विख्यात रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी राज की ताजपोशी करके यह साबित कर दिया है कि यहां के लोगों के दिलों में आज भी उनके प्रति कितना सम्मान है। यहां पुरखों की राजनैतिक विरासत को बचाने में राज सफल रहे। सन् 1972 में यहां से कांग्रेस की टिकट पर श्रीनिवास तिवारी जीते थे। इस क्षेत्र की जनता ने दो बार उन्हें विधानसभा भेजा और चार दशक बाद उनके पोते सिद्धार्थ तिवारी राज का स्वीकार कर उनकी राजनीतिक रूप से ताजपोशी करके अपनी जिम्मेदारी निभाई।
त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास की योजनायें, आयुष्मान योजना एवं प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना पर लोगों का भरोसा जताया और सिद्धार्थ तिवारी को अपना जनप्रतिनिधि चुना। जिले के उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा त्योंथर विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा तराई अंचल में आता है विधानसभा क्षेत्र की लगभग दस पंचायतें पहाड़ के ऊपर आती हैं जहां भाजपा के पक्ष निर्णायक वोट मिले। त्योंथर विधानसभा चुनाव में युवाओं, महिलाओं ने भाजपा पर विश्वास जताया। तक निर्वाचित हुए विधायक महिलाओं व युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था, वहीं उत्साह परिणाम के रूप सामने आया।
महिलाओं ने चुनाव में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया जो इस चुनाव में निर्णायक साबित हुई। महिलाएं और युवाओं ने मिलकर त्योंथर में नया इतिहास रच दिया । पहाड़ के ऊपर त्योंथर विधानसभा क्षेत्र की महेवा, घूमा, कटरा, डाढ़, जमुई, कलवारी, गंगतीरा और बरहट आदि पंचायतें आती हैं। इस क्षेत्र के लोगों ने वर्तमान सरकार के पक्ष में अपनी मोहर लगाकर सिद्धार्थ तिवारी को विधानसभा पहुंचा दिया। हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी पश्चिमांचल में कांग्रेस का जोर रहा जब तक इस अंचल के वोटों की गिनती होती रही, कांग्रेस प्रत्याशी रमाशंकर लगातार नौ राउण्ड तक लगातार आगे-पीछे रहने के बाद भाजपा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी आगे हो गये और इसके बाद आखिरी तक उनके जीत का अंतर लगतार बढ़ता गया। दरअसल यहां पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में सिद्धार्थ तिवारी राज का चयन किये जाने पर पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी एवं उनके समर्थकों ने पहले विरोध करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी पदाधिकारियों द्वारा दवाब बनाये जाने के बाद उन्होंने भी सिद्धार्थ तिवारी का साथ दिया और उनकी जीत के संवाहक बने ।
त्योंथर विधानसभा में अब तक निर्वाचित हुुये विधायक
1952…………………, 1957…………………. 1962 लाल कमलेश्वर सिंह कांग्रेस, 1967 के. के. सिंह कांग्रेस, 1972 त्रिवेणी प्रसाद जनसंघ, 1977 श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस, 1980 श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस, 1985 अरुण मिश्रा कांग्रेस, 1990 रमाकांत तिवारी कांग्रेस, 1993 रामलखन सिंह जनता दल,
1998 रमाकांत तिवारी बीजेपी, 2003 रमाकांत तिवारी बीजेपी, 2008 रामगरीब बीएसपी, 2013 रमाकांत तिवारी बीजेपी, 2018 श्यामलाल द्विवेदी बीजेपी, 2023 सिद्धार्थ तिवारी राज बीजेपी से निर्वाचित हुुये विधायक
कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल
त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सिद्धार्थ तिवारी की जीत पर कहीं खुशी और कहीं गम का माहौल व्याप्त रहा। दिन भर यह कयास चलता रहा कि इस विधानसभा से कौन जीत रहा है। शुरुआती रुझान में कांग्रेस पार्टी ने जो लीड लेना शुरू की, वह दोपहर तक चलती रही और चर्चा का माहौल गरम रहा कि भाजपा के लिए इस सीट का जीत पाना मुश्किल है। ऐसे भी अवसर आए कि कांग्रेसियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया, लेकिन आधी मतगणना के बाद जब भाजपा प्रत्याशी की लीड शुरू हुई तो कांग्रेसियों में मायूसी छा गई। कांग्रेस प्रत्याशी भी भाजपा की बढ़त देखकर धीरे से निकल लिये। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह को भी काफी उम्मीद थी कि मतदाताओं द्वारा इस बार उन्हें आशीर्वाद मिलेगा, लेकिन नहीं मिला, उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा इस चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी की टिकट काटकर हाल ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी को मैदान में उतारा था। जनता ने भाजपा के निर्णय को सही ठहराते हुए सिद्धार्थ तिवारी राज को अपना प्रतिनिधि चुना है। उनकी उम्मीदवारी ने भाजपा की जीत की राह आसान कर दी। अब इस क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी अपनी हार के कारणों की समीक्षा में जुटेगी। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रमाशंकर सिंह पटेल द्वारा चुनाव की रणनीति के तहत कार्य तो किया गया और उनको उनके क्षेत्र में समर्थन भी खूब मिला लेकिन लाडली बहना योजना के मास्टर स्ट्रोक के आगे सभी को नतमस्तक होना पड़ा।
17 नवम्बर को त्योंथर में पड़े कुल मत
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निकटतम प्रतिद्वंद्वी : रमाशंकर सिंह पटेल
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प्राथमिकता में ये काम
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बिजयी प्रत्याशी : सिद्धार्थ तिवारी राज
वोट : 63722
प्रतिशत : -40.99%
जीत का अंतर : 4746
जीत का मंत्र : लाडली बहनों एवं युवाओं ने किया
भाजपा पर भरोसा पुरखों की विरासत का भी मिला लाभ
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वोट : 56336
प्रतिशत : -37.8%
हार का कारण : जातीय समीकरण के अलावा
माइक्रो मैनेजमेंट बनाने में असफल रहे।
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• तराई अंचल में सिंचाई सुविधाओं का तेजी से विस्तार कर कृषि उत्पादन बढ़ाना।
● मूलभूत सुविधाओं में सड़कों और पानी की समस्या को दूर करना।
• क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारना व युवाओं की बेरोजगारी को दूर करना।
• पर्यटन और धार्मिल स्थल का विस्तार करना।
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नौ प्रत्याशियों को मिले नोटा से कम मत
विधानसभा क्षेत्र त्योंथर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सिद्धार्थ तिवारी राज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इंडियन नेशनल कांग्रेस के रमाशंकर सिंह को 4746 मतों के अंतर से पराजित किया। निर्वाचित घोषित श्री तिवारी को कुल 61082 मत प्राप्त हुए। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी श्री सिंह को 56336 मत प्राप्त हुए। इसके अलावा देवेन्द्र सिंह बसपा को 24393 मत, कमाण्डो अरुण गौतम विन्ध्य जनता पार्टी 1791 मत, महर्षि सिंह आम आदमी पार्टी को 666 मत, त्रिनेत्र शुक्ल समाजवादी पार्टी को 551 मत, कमलधारी कुशवाहा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को 326 मत, संगीता कोल पीपुल्स पार्टी आफइंडिया को 213 मत, रामलाल कोल जन अधिकार पार्टी को 172 मत, इंजी. पुष्पराज पाल निर्दलीय को 609 मत, रामकली निर्दलीय को 653 मत, शिरोमण कुशवाहा निर्दलीय को 636 मत, हरिशंकर निर्दलीय को 449 मत मिले हैं। इसके अलावा 1148 मतदाताओं ने सभी प्रत्याशियों को नकारते हुए नोटा को अपना मत दिया है। चार प्रत्याशियों को छोड़कर इस विधानसभा क्षेत्र के किसी भी प्रत्याशी ने नोटा को मिले वोट का आंकड़ा पार नहीं कर पाये।