रीवा. जिले में गोशाला निर्माण को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कई पंचायतों ने राशि आहरित कर ली, लेकिन गोशाला निर्माण नहीं कराया। इसके चलते अब जिला पंचायत ने सख्त रुख अपनाया है। जिला पंचायत सीइओ डॉ. सौरभ सोनवणे ने सोमवार को समीक्षा के बाद 30 न्यून व्यय व अप्रारम्भ गोशालाओं से व्यय राशि वसूली के निर्देश जारी किए हैं। संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को पत्र जारी कर कहा है कि जिला पंचायत के खाते में उक्त राशि जमा कराने के बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
कई शिकायतें मिली थीं: मनरेगा योजना के तहत जिले में स्वीकृत गोशालाओं के निर्माण को लेकर पहले भी कई शिकायतें आई थीं। इस पर पूर्व सीईओ पर यह आरोप लगाया गया था कि उनके कुछ करीबियों को मौखिक रूप से अधिकारियों ने पंचायतों से ठेका दिलवाया। सामग्री सप्लाई के नाम पर उन्हें राशि भी दी गई थी। मामले की अलग-अलग शिकायतों की जांच चल रही है। नए सीइओ के सामने भी कई शिकायतें आई हैं, जिस पर उन्होंने कई जगह स्वयं पहुंचकर निरीक्षण किया और अब निर्देशित किया कि राशि वसूली जाए। जिपं सीईओ के सामने समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अधिकांश ग्राम पंचायतों में अक्रियाशील जाबकार्ड पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे हैं।
इनसे होगी वसूली
जनपद पंचायत हनुमना की ग्राम पंचायत नाउनकला, जड़कुड़, गोपला, मलैगंवा, गढ़, कैलाशपुर, बेलहा, रामकुड़वा, ढावा तिवारियान, बेलहा, गोइडार, बेलहा। जनपद पंचायत मऊगंज की ग्राम पंचायत मिसिरगंवा, गौरी। जवा की ग्राम पंचायत पथरौड़ा, उपरवार, हरदौली। जनपद पंचायत नईगढ़ी की ग्राम पंचायत कोट, केचुहा पड़ान। जनपद पंचायत रीवा की ग्राम पंचायत सहिजना नं.2, दुआरी, मड़वा, नैकिन, छिजवार। जनपद पंचायत सिरमौर की ग्राम पंचायत चौरा, पुर्वा तथा जनपद पंचायत त्योथर की ग्राम पंचायत पनासी, मझिगवां, दुआरी जैसी 30 गोशालाओं से राशि वसूली होगी।