नई दिल्ली। रेलवे समेत कई सरकारी संपत्तियो को एक तरफ निजी हाथो में सोपनें का सिलसिला जारी है, तो वही दुसरी तरफ विपक्ष इसको लेकर सरकार पर हमलावर दिखाई देता है। वही सरकार ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रानीकमलापति रेलवे स्टेशन को निजी हाथों में सौंपा है। लेकिन प्राइवेटाइजेशन के साथ ही इस वर्ल्ड क्लास रेल्वे स्टेशन की सौदर्यता में चार चांद दिखाई देते है।
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
भोपाल की राजधानी में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। जबकि इस वर्डक्लास रेल्वे स्टेशन को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलती है। ऐसे में यात्रियों को इस निजी कंपनी के द्वारा तैयार किया जा रहा वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन पर हर वो सुविधाएं मिल रही है जो एक एयरपोर्ट पर होती है चाहे वह साफ-सफाई की हो या फिर रेलवे स्टेशनों पर रेस्तरां, शॉपिंग स्टोर कैटरिंग शॉप और पार्किंग की व्यवस्था सबकुछ यात्रियों का आकर्षित कर रहें है।
री डेवलपमें प्राइवेट कंपनी के हाथ
सरकार की तरफ से रेलवे स्टेशन कमर्शियल डिपार्मेंट को 45 साल के लीज पीरियड पर दिया गया है। इस रेलवे स्टेशन का ऑपरेशन एंड मेंटिनेस भी प्राइवेट कंपनी कर रही है। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 8 स्टेशनों का री डेवलपमेंट निजी कंपनी को सौंप दिया है। जिसमें भोपाल का रानीकमलापति, चंडीगढ़ पुणे का शिवाजी नगर, नई दिल्ली और आनंद विहार, गुजरात का सूरत शामिल है।
रानीकमलापति रेल्वे स्टेशन
भोपाल का रानीकमलापति रेलवे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया गया है। जिसका नाम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी कि पीपी मॉडल से तैयार करवाया जा रहा है। वही बतादे की यह रेलवे स्टेशन अब जर्मनी के हैडलबर्ग की तर्ज पर डेवलप किया गया है। इसके लिए डेवलपर संघ को चुना गया है।