विंध्य भास्कर डेस्क। प्रदेश में कमीशन वसूली को लेकर जहां शिवराज सरकार घिरती जा रही है। वहीं लोक सेवक लगातार कमीशन वसूली को लेकर पकड़ते जा रहे हैं। आईटीआई प्राचार्य के बाद अब आबकारी विभाग का आरक्षक 5 हजार रूपए रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ारंगे हाथ पकड़ा गया है। बता दें कि शहडोल के आबकारी आरक्षक में बतौर कमीशन वसूलने शिकायतकर्ता से दस हजार रिश्वत मांगी थी। बुधवार को लोकायुक्त की टीम ने शहडोल जिले के व्यौहारी अंतर्गत शासकीय आवास में लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है। इस कार्यवाई के बाद हड़कंप मच गया।
बताया जा रहा है ग्राम सरसी व्यौहारी निवासी राजेश जायसवाल ने लोकायुक्त को शिकायत कर बताया कि आबकारी विभाग में पदस्थ आरक्षक अरविंद मिश्रा आबकारी अधिनियम के मामले में झूठा फसाने की धमकी देते हुए दस हजार रूपए कमीशन मांग रहे है। इस शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने गुरूवार की दोपहर 2 बजे शासकीय आवास में पहुंचकर जैसे ही रिश्वत के चार हजार रूपए दिए, लोकायुक्त की टीम ने इसे धरदबोचा। यह देख आरक्षक अरंिवद मिश्रा के होश उड़ गए। इस कार्रवाई में ट्रेपकर्ता अधिकारी इंस्पेक्टर जिया उल हक सहित 12 सदस्यीय टीम रही है। बता दें लोकायुक्त की इस कार्रवाई से बाद आबकारी विभाग में चल रही कमीशन की पोल सामने आ गई है। बता दें आबकारी विभाग में व्यापक स्तर में कमीशन लेकर अवैध शराब के कारोबार को संरक्षण दिया जाता है