रीवा। एमपी पुलिस ने महिला की शिकायत पर एफआइआर नहीं लिखने आरोपियों से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी है। यह मामला रीवा संभाग के सिंगरौली जिला अंतर्गत पुलिस चौकी नोडिहवा का है। इस रिश्वत कांड में लोकायुक्त ने पुलिस ने जहां एक आरक्षक अनूप यादवा गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक आरक्षक संजीत यादव अभी फरार है। लोकायुक्त ने इस मामले पर आरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं मामले की जानकारी लगने के बाद एसपी ने आरक्षक को निलंबित कर दिया है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला द्वारा की गई एक शिकायत पर एफआरआर नहीं करने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत पुलिस ने मांगी थी। इसके बाद तीस हजार रुपए में शिकायतकर्ता से बाद लेना देना तय हुआ।इसके बाद शिकायतकर्ता आजाद कुमार 24 जून को दस हजार रुपए की प्रथम किश्त थी, इसके बाद मंगलवार को दूसरी किश्त लेते हुए लोकायुक्त ने आरक्षक अपूप यादव को दस हजार रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मौके से एक अन्य आरक्षक भागने में सफल रहा है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद हंडकम मच गया। ट्रेप की राशि लेते हुए लोकायुक्त पुलिस अनूप यादव को पुलिस को चौकी में ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई का नेतृत्व प्रवीण सिंह परिहार ने किया। इस टीम में निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार सहित अन्य शामिल रहे।
रीवा संभाग में पुलिस की चल रहा वसूली अभियान
एम पी रीवा संभाग में पुलिस के थानों में खुले आम वसूली चल रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रीवा संभाग में अब चार थाना प्रभारी वसूली की राशि लेते सामने आए है। इतना ही थाना में एफआईआर लिखने और विवेचना प्रभावित करने पुलिस का लंबा खेल चल रहा है।