जिला के विशेष न्यायालय पाक्सों कंचन गुप्ता की अदालत में पाक्सो एक्ट के दो अलग- अलग मामलों में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। है। दोनों आरोपियों को अजीवन कारावास की सजा के अलावा अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया है।
रीवा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संतोष कुमार शुक्ला एवं सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 फरवरी 22 को पीड़िता अपरान्ह करीब 03.00 लालबहादुर ठाकुर के खेत में गोबर बीनने गई थी। शाम करीब 04.00 बजे दुबड़ा गांव का गिरजा कोल मिला और कहा कि चलो एक काम है।
उसने जाने से मना कर दिया, तब जबरदस्ती उसका हाथ पकड़कर उसे पास के ठाकुर के अरहर के खेत में ले जाकर अपने कपड़े उतारने लगा। पीड़िता ने शोर मचाने की कोशिश की तो उसका मुंह दबा दिया और बोला कि शोर करेगी तो जान से खत्म कर देगे। आरोपी ने दुष्कर्म के बाद धमकी देकर वहां से चला गया।
मामले में थाना रायपुर कर्चुलियान में अप क्र. 47 / 2022 अन्तर्गत धारा 376 ( 3 ), 506 भादवि धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रकरण में आरोपी गिरजा पिता शिवराम कौल के विरुद्ध नाबालिग बच्ची के साथ बलात्संग करने के अपराध दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
मामले में प्रस्तुत किये गए साक्ष्यों एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय पाक्सो कंचन गुप्ता ने आरोपी को दोषी मानते हुए पाक्सो अधिनियम धारा 3/4 खण्ड-2 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं 500/- रु जुर्माना से दण्डित किया।
इसी तरह दूसरे मामले में 20 अक्टूबर 22 को पीड़िता अपने रिश्ते की भाभी के साथ काम करने के लिए रीवा आई थी काम की तलाश में छोटी दरगाह के पास खड़ी थी। करीब 10 बजे एक आदमी आया और बोला कि मैं ठेकेदार हूँ मेरे यहां काम है चलो वह व्यक्ति उसे और उसकी भाभी को अपनी मोटरसायकिल में बिठाकर पंचमठा रीवा ले गया।
ठेकेदार बोला कि वह तगाड़ी फावड़ा लेकर उसके साथ घर के अंदर चले वहां पर मुरूम डालना है उसकी भाभी को घर के बाहर खड़ा कर दिया। जैसे ही वह उसके साथ घर के अंदर गई अभियुक्त ने उसका मुंह दबा लिया और जबरदस्ती गलत काम किया। वह हल्ला गोहार करके भागने लगी तो ठेकेदार ने उसका हाथ पकड़कर मुक्का से मारने लगा बोला यदि किसी को कुछ बताई तो वह जान से खत्म कर देगा ।
मामले में आरोपी ऋषि जायसवाल पिता यशपति जायसवाल के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली में अप. क्र. 944/2022 अन्तर्गत धारा 376131, 323, 506 भादवि एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (डब्ल्यू) (दो) 3 (2) (5) का प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
जहां आरोपी को दोषी मानते हुए पाक्सो अधिनियम की धारा 3/4 भाग 2 एवं एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (2) (5) के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं 1000/- रु. जुर्माना से दण्डित किया गया। दोनों मामलों में शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक रवीन्द्र सिंह ने आरोपियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।