मरीजों के लिए महत्वपूर्ण खबर! दरअसल, इस बड़ती मेहंगाई ने दवाइयों के कीमत को भी अपनी चपेट में ले लिया है. यह बात इसलिए कही जा रही है कि क्योंकि बहुत जल्द 1 अप्रैल से इनके दामों में बढ़ोतरी होने वाली है. जिसमें पैन किलर्स, दिल की दवा और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं.
दरअसल, इसके पीछे का मुख्य कारण एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स में बदलाव की आज्ञा दावा कंपनियों को सरकार द्वारा मिलना है. बता दे की इस बात की जानकारी नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी द्वारा देकर बताया गया की डब्लूपीआई सालाना बदलाव के बेस पर कीमतों में वृद्धि की गई है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दवाइयों की कीमत 12 फ़ीसदी तक बढ़ती है. अगर ऐसा होता है तो यह दूसरी बार होगा जब दवाइयों के दाम में इजाफा होगा. साथ ही शेड्यूल्ड ड्रग्स के दामों में 10% इजाफा हो सकता है. अगर शरीर ड्रग्स के मतलब की बात करें तो यह वो ड्रग्स कहलाती है जिनके दामों में कंट्रोल होता है.
नियमानुसार इनके दाम सरकार की मंजूरी के बिना नहीं बढ़ सकते. जानकारी के लिए बता दें कि डबल यूपीआई के सालाना बदलाव के आधार पर पिछले वर्षों में ज्यादा खास बदलाव नहीं देखने को मिल रहा है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने अट्ठारह दवाई कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं. इसके पीछे का कारण नकली दवाइयों को बनाना था. इसलिए डीसीजीआई द्वारा पहले पढ़ाओ में 15 से 20 राज्यों की दवाई कंपनियों का देखरेख किया. जिसके बाद 18 दवाई कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए तथा 26 कंपनियों को नोटिस जारी किया गया. इतना ही नहीं डीसीजीआई ने इकॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे 20 कंपनियों को नोटिस भेज उनका उत्तर मांगा है.