इंफाल ईस्ट, मणिपुर : मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले के यारीपोक याम्बेम गांव में बीएसएफ कांस्टेबल दीपक चिंगाखम की शहादत पर शोक की लहर छाई हुई है। 25 वर्षीय दीपक 10 मई को जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और 11 मई को उनकी मृत्यु हो गई। उनकी शहादत ने पूरे गांव और मणिपुर को गमगीन कर दिया।
#WATCH | Imphal East, Manipur: Family & relatives of BSF Constable Deepak Chingakham mourn his demise
Deepak Chingakham lost his life in the line of duty due to cross-border firing from Pakistan in Jammu and Kashmir’s RS Pura sector on May 10.
(Visuals from his native… pic.twitter.com/d75BmxRXFz
— ANI (@ANI) May 12, 2025
दीपक के पिता ने गर्व के साथ कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व है, जिसने 140 करोड़ भारतीयों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।” दीपक अपने पीछे माता-पिता और एक भाई को छोड़ गए हैं। उनके परिवार और रिश्तेदारों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की, जबकि गांव में उनके बलिदान की चर्चा गर्व के साथ हो रही है। बीएसएफ ने उनकी शहादत को सलाम करते हुए कहा, “कांस्टेबल दीपक ने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया।”
VIDEO | Wreath-laying ceremony for Constable Deepak Chingakham held at BSF Headquarters in Paloura, Jammu.
He succumbed to injuries sustained during cross-border firing by Pakistan Rangers in the RS Pura sector of Jammu division.
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/1lw6DffyLX
— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2025
12 मई को जम्मू के पालौरा में बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय में दीपक के लिए पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ माल्यार्पण समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद, उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए यारीपोक याम्बेम लाया जाएगा। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा, “दीपक मणिपुर के गौरव थे। उनकी वीरता मेइती समुदाय और पूरे राज्य की देशभक्ति को दर्शाती है।”
यह घटना ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई, जो 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। दीपक की शहादत ने सीमा पर तनाव और मणिपुर के सैनिकों के योगदान को रेखांकित किया