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कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं को मप्र से बाहर करेगा लोकसभा चुनाव परिणाम

By Surendra Tiwari

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी और वर्चस्व की राजनीति नई बात नहीं है। 70 दशक पहले से शुरू हुई यह गुटबाजी कांग्रेस की राजनीति में आज भी स्पष्ट दिखाई देती है। कांग्रेस की वर्तमान राजनीति में सिंधिया और पचौरी के भाजपा में जाने के बाद गुट प्रमुखों की संख्या भलें कम हुई हो, लेकिन गुटबाजी में कमी नहीं आई है। अब आगामी लोकसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस के तीन और गुट प्रमुखों नेताओं को मप्र की राजनीति से बाहर अथवा निष्क्रिय करने वाला होगा।

उल्लेखनीय है कि 2020 तक मप्र में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह, अरुण यादव और कांतिलाल भूरिया के गुट सक्रिय थे। विधानसभा चुनाव 2018 से पहले दिग्विजय सिंह गुट सबसे अधिक मजबूत था, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने अपने गुट को मप्र में मजबूती दी और उपकृत कर अपने समर्थकों की संख्या भी बढ़ाई। 2017 में कमलनाथ के मध्यप्रदेश में सक्रिय होने के बाद से भूरिया, यादव और पचौरी गुट पूरी तरह उपेक्षित हो गए।

कांग्रेस में ‘भाजपा का टिकट’ फार्मूला साफ करेगा पटवारी का रास्ता
जीते तो दिल्ली जाएंगे… हारे तो पार्टी में उपेक्षित हो जाएंगे

पार्टी और सरकार में कमलनाथ की मनमानी का आरोप लगाकर पहले सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी और हाल ही में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से दुःखी पचौरी भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। मप्र में अब नया पटवारी गुट सबसे अधिक सक्रिय और पावर में नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि पटवारी के आग्रह पर ही पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने टिकट वितरण को लेकर भाजपा के विधानसभा पैटर्न को अपनाते हुए मप्र में सक्रिय पार्टी के दो गुट प्रमुखों दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया को तो लोकसभा का टिकट दिया ही, तीसरे नेता अरुण यादव को भी टिकट दिए जाने की भी चर्चा है। इन तीनों ही बड़े नेताओं का भविष्य और मप्र में सक्रियता अब आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों से तय होगी। अगर यह नेता चुनाव हारे तो पार्टी में पूरी तरह उपेक्षित हो जाएंगे।

तीनों नेता चुनाव हारे पूर्व सांसद

लोकसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के तीनों प्रमुख नेता दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव सांसद रह चुके हैं। दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि भूरिया और यादव पूर्व केन्द्रीय मंत्री हैं।

कांतिलाल भूरिया- रतलाम लोकसभा सीट

भूरिया 1998, 1999 और 2004 में झाबुआ सीट से और 2009 में रतलाम सीट से लोस चुनाव जीते। 2014 में वे रतलाम सीट से आम चुनाव हारे और 2015 का उप चुनाव जीते। वे 2019 में रतलाम सीट से एक बार फिर चुनाव हारे और झाबुआ से विधानसभा चुनाव जीते।

अरुण यादव (संभावित गुना अथवा खंडवा लोकसभा सीट)

2007 से 2009 के बीच 14वीं लोकसभा और 2009 से 2014 तक 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे। 2009 से 2011 के बीच केन्द्र सरकार के भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग के राज्यमंत्री रहे। 2011 में उन्हें केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा उद्योग विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। 2018 का विधानसभा चुनाव वे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से और 2019 का लोकसभा चुनाव वे पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान से हारे। श्री चौहान के निधन से खाली हुई इस सीट पर पार्टी ने यादव की जगह राजनारायण सिंह को टिकट दिया जो भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल से हार गए थे। अब फिर से भाजपा सांसद पाटिल के सामने कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। पार्टी यहां से अरुण यादव को लड़ना चाहती है। जबकि यादव यादव बाहुल्य सीट गुना से टिकट चाहते हैं।

दिग्विजय सिंह- राजगढ़ लोकसभा सीट

दिग्विजय सिंह 1977 में मप्र की छठवीं विधान सभा और 1980 में सातवीं विधानसभा के सदस्य चुने गए थे और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। 1984 में आठवीं एवं 1991 में दसवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 7 दिसम्बर, 1993 को मप्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली तो लोक सभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर 1994 के उपचुनाव में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद 1998 में ग्यारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 1 दिसंबर, 1998 से 7 दिसंबर, 2003 तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे। 2003 में एक बार फिर विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए और अप्रैल, 2014 एवं जून, 2020 में राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। हालांकि 2019 का लोकसभा चुनाव भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से हार गए। उनकी इच्छा के विपरीत अब पार्टी ने उन्हें उनकी पारंपरिक सीट राजगढ़ से प्रत्याशी बनाया है।

छह सीटों पर घोषित नहीं हो सके प्रत्याशी

कांग्रेस दो अलग-अलग सूचियां जारी कर मप्र में 22 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। खजुराहो सीट सपा के लिए आरक्षित है। शेष 6 सीटों के लिए कांग्रेस अभी प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। जबकि भाजपा अपने सभी प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

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