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Rewa Lok Sabha 2024: रीवा महारानी श्रीमती प्रवीण कुमारी के बाद दूसरी महिला प्रत्याशी श्रीमती नीलम अभय मिश्रा जिन्हें राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया

By Surendra Tiwari

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Rewa Lok Sabha 2024। संसदीय सीट रीवा के लिये लोकसभा का चुनाव द्वितीय चरण में होना है। भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस ने भाजपा के जनार्दन के मुकाबले नीलम को टिकट दिया है। लोग मान रहे हैं कि पूर्व विधायक श्रीमती नीलम अभय मिश्रा के चुनाव मैदान में आ जाने से रीवा लोकसभा का रण दिलचस्प होगा, क्योंकि चुनावी पलड़ा एकतरफा नहीं झुकेगा।

कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती नीलम मिश्रा एवं उनके विधायक पति अभय मिश्रा ने टिकट की घोषणा होने के तत्काल बाद ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि रीवा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने लगातार दो बार के सांसद व भाजपा प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा के द्विपंचवर्षीय कार्यकाल में कराये गय कामकाज को ही कांग्रेस उम्मीदवार का चुनावी मुद्दा बताया है।

सेमरिया क्षेत्र से सन् 2013 में भाजपा की टिकट पर निर्वाचित हो चुर्की श्रीमती मिश्रा रीवा महारानी श्रीमती प्रवीण कुमारी सिंह के बाद ऐसी दूसरी महिला प्रत्याशी हैं जिन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस ने रीवा महारानी को सन् 1989 तथा भाजपा सन् 1996 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। रीवा से महिला उम्मीदवार कांग्रेस का दूसरा प्रयोग है। चुनाव के इतिहास में कभी कोई महिला सांसद नहीं चुनी गई। इस सीट का नेतृत्व सन् 1952 से अब तक पुरुषों के ही हाथों में रहा है।

रीवा संसदीय सीट से जहां कोई महिला कभी सांसद निर्वाचित नहीं हुई है वहीं एक बात यह भी प्रचलित है कि लोकसभा का चुनाव लगातार कभी कोई नहीं जीता है? फलस्वरूप भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा है। दोनों की विजय से कोई न कोई रिकार्ड दर्ज होगा।

  • दिलचस्प होगा रीवा लोकसभा का रण, दर्ज होगा रिकार्ड

  • कांग्रेस ने भाजपा के जनार्दन के मुकाबले नीलम को दिया टिकट

  • रीवा संसदीय सीट से जहां कोई महिला कभी सांसद निर्वाचित नहीं हुई है

  • श्रीमती नीलम अभय मिश्रा रीवा महारानी श्रीमती प्रवीण कुमारी सिंह के बाद ऐसी दूसरी महिला नेत्री हैं जिन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

रीवा के संसदीय 18.50 लाख मतदाता चुनेंगे अपना नेता

आठ विधानसभा सीटों वाले लोकसभा क्षेत्र रीवा में 1850421 मतदाता हैं जिनमें 966071 पुरुष व 884335 महिला मतदाता शामिल हैं, नियत तिथि 26 अप्रैल 24 को अपना नेता चुनेंगे। पिछले तीन लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर फरमाया जाय तो तीनों मर्तबा कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है। सन् 2009 में रीवा से बसपा का सांसद चुना गया था। देवराज सिंह पटेल निर्वाचित हुए थे। लगातार दो बार से भाजपा के जनार्दन मिश्रा सांसद हैं। सन् 2009 एवं 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी सुंदरलाल तिवारी निकटतम प्रतिद्वंदी रहे हैं जबकि सन् 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी राज निकटतम प्रतिद्वंदी रहे हैं।

मौजूदा में पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल एवं पूर्व प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी भाजपा में हैं। पूर्व सांसद पटेल दो दिवस पूर्व ही भाजपा में शामिल हुए हैं तथा सिद्धार्थ तिवारी 2023 में भाजपा की टिकट पर त्योंथर सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को 7 एवं कांग्रेस को एकमात्र सेमरिया सीट पर फतह हासिल हुई थी। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली पराजय का बदला भाजपा से लोकसभा चुनाव में जरूर लेना चाहेगी।

उम्मीदों के दीये जला रही बसपा

लोकसभा के महासंग्राम में बसपा भी अपना प्रत्याशी उतारने की फिराक में है। बसपा ने एक बार पुनः उम्मीदों के दीयों में कोशिशों का तेल जलाना शुरू कर दिया है। सनद रहे कि रीवा सीट से बसपा के तीन सांसद पूर्व में निर्वाचित हो चुके हैं। सन् 1991, 1996 एवं 2009 में यहां से बसपा के सांसद चुने गये थे। दो महारथियों के युद्ध में अक्सर तीसरा लाभ उठाता है। बसपा इस सोच के साथ भी अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार सकती है? उम्मीदवार कौन होगा, यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। नामांकन दाखिले की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व बसप के पते भी खुल जायेंगे।

रीवा-मऊगंज जिले में बसपा की स्थिति किसी खाली डिब्बे के समान है क्योंकि जो भी पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक एवं बड़े नेता रहे हैं वे बसपा से सालों पूर्व मोक्ष ले चुके हैं। संभव है कि पूर्व में बसपा को छोड़कर जा चुके नेताओं में से ही किसी का मान मनौव्वल कर बसपा घर वापसी कराये और टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारे?

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